देश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में चुनिंदा छात्रों का ही एडमिशन हो पाता है

बाकि बचे छात्रों के लिए प्राइवेट कॉलेज बचते है

हालांकि इन कॉलेजों में पढ़ाई का खर्च 50 लाख से 1 करोड़ तक है

ऐसे में जिन छात्रों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है

वह भारत में मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं

इसलिए वह लोग रसिया या यूक्रेन चले जाते है

 क्योंकि वहां मेडिकल की पढ़ाई का खर्च भारत की तुलना में बहुत कम है

यूक्रेन में MBBS  की पढ़ाई की फीस सालाना दो से चार लाख रुपये के बीच होती है

5 साल की पूरी पढ़ाई लगभग 25 से 30 लाख में पूरी हो जाती है

रिपोर्ट के अनुसार भारत की तुलना में यूक्रेन में  हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर काफी अच्छा है