साबुन को उनके इंग्रीएडेंट के आधार पर कैटिगराइज किया जाता है

इससे टॉयलेट और बाथिंग साबुन के अंतर का पता लगता है

ज्यादातर लाल और ऑरेंज रंग के साबुन को टॉयलेट सोप कहा जाता है

हर साबुन में TFM वैल्यू होती है

इसे टोटल फैटी मैटर कहते हैं

इसके आधार पर साबुनों को तीन कैटिगरी में डिवाइड किया जाता है

ग्रेड 1 साबुन में 76 से ज्यादा टीएफएम होता है

ग्रेड 2 में 70 और ग्रेड 3 में 60 से ज्यादा TMF होता है

बाथिंग में यूज होने वाले साबुन का टीएमएफ 60 से कम नहीं होना चाहिए

बाकी ग्रेड वाले साबुन टॉयलेट साबुन होते हैं