देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को है. कहते हैं इसके
बाद चार माह के लिए देवी-देवताओं का शयनकाल में रहते हैं.
कहा जाता है कि देवशयनी एकादशी के बाद देव सो जाते हैं,
लेकिन क्या वाकई ये सच है. क्या देव भी सोते हैं ? आइए जानें
शास्त्रों के अनुसार देवताओं का एक दिन-रात मनुष्यों के
एक साल के बराबर होता है.
धर्म ग्रंथों में उत्तरायण की अवधि देवी-देवताओं के दिन होते हैं
और दक्षिणायन देवों की रात मानी जाती है.
आध्यत्मिक परिप्रेक्ष्य में देखें तो देवशयन कभी होता ही नहीं.
सूर्य के दक्षिणायन होने पर चार माह तक शुभ शक्तियों का प्रभाव
कम होता है इसलिए इसे देवों का शयनकाल कहते हैं.
इन दिनों सामान्य जन-जीवन वर्षा के कारण थोड़ा अस्त-व्यस्त
होता है इसे देवताओं का शयनकाल मानकर शुभ काम नहीं होते.
देवताओं के शयनकाल के समय विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ
संस्कार आदि मांगलिक काम नहीं किए जाते.
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