दिल्ली का लोटस टेम्पल अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है



यह मंदिर कमल के फूल के आकार में बनाया गया है जो शांति और एकता का प्रतीक है



इसे बहाई धर्म के अनुयायियों के लिए डिज़ाइन किया गया था किन यह सभी धर्मों के लिए खुला है



ऐसे में आइए जानते हैं लोटस टेंपल को बनाने में कितना खर्च आया था



बता दें, लोटस टेंपल को बनाने में कुल 10 मिलियन डॉलर की लागत आई थी



इसकी लागत में दान के पैसे भी शामिल थे खासकर हैदराबाद के एक दानी ने बड़ा योगदान किया



लोटस टेम्पल का निर्माण 1986 में हुआ था इसे 20वीं सदी का ताजमहल भी कहा जाता है



इसका आकार आधे खुले कमल जैसा है जिसमें 27 संगमरमर की पंखुड़ियां हैं ये पंखुड़ियां तीन चक्रों में व्यवस्थित की गई हैं



मंदिर में 9 दरवाजे हैं और बीच में एक बड़ा हॉल है



इस हॉल में लगभग 2500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं और इसकी ऊंचाई 40 मीटर है.