हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की



षष्ठी तिथि को छठ पूजा मनाई जाती है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है.



धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की बहन



छठी मैया की पूजा में यदि कोई गलती हो जाती है,



तो छठी मैया नाराज हो जाती है और आपको उनका आशीर्वाद नहीं मिल पाता है.



छठ पूजा में पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है.



पूजा संबंधी सामान को जूठे और गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए.



छठ पर्व के दौरान व्रत रखने वाले सदस्यों के साथ परिवार के



किसी भी सदस्य को लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.



छठी मैया को खंडित और जूठी चीजें अर्पित ना करें.



किसी पक्षी द्वारा जूठे किए गए फलफूल भी छठी मैया को अर्पित ना करें.



व्रत रखने वाले जातकों को सूर्य को अर्घ्य देने से पहले कुछ ग्रहण नहीं करना चाहिए.