आचार्य चाणक्य ने बताया कि संकट के समय कैसा व्यवहार करना चाहिए.



इन बातों का पालन करने वाले मुसीबत के वक्त कभी घबराते नहीं बल्कि हंसी-खुशी इसे झेल जाते हैं.



हर इंसान चाहता है कि उसकी खुशहाल जिंदगी में कभी दुख के बादल न मंडराए.



संकट की घड़ी में उचित सलाह, ज्ञान, अनुभव और हौंसले से ही आपकी ताकत बनते हैं.



संकट आने पर मन मस्तिष्क को विचलित न होने दें.



किसी भी लड़ाई में बल के साथ बुद्धि का प्रयोग किया जाए तो उसमें जीत की संभावनाएं 100 प्रतिशत हो जाती है.



संकट में कई लोग आपको नीचा दिखाएं, निंदा करें, ऐसे लोगों से दूरी बनाएं और अच्छी संगत में रहें.



आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मुसीबत के समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी होता है.



संकट से उबरने के लिए हिम्मत और एकता बहुत जरुरी है.