चाणक्य नीति कहती है कि धन के मामले में व्यक्ति को अधिक गंभीर रहना चाहिए.

चाणक्य के अनुसार धन बुरे वक्त में सच्चे मित्र की भूमिका निभाता है.

धन का व्यय बहुत सोच समझ कर करना चाहिए आय से अधिक धन का व्यय, तनाव और कष्ट देता है

धन की सदैव बचत करनी चाहिए. धन का प्रयोग कभी गलत कार्यों के लिए न करें.

धन का प्रयोग दूसरों का अहित करने के लिए कभी न करें, इससे धन की देवी लक्ष्मी जी नाराज होती हैं

क्रोध और अंहाकर करने वालों को लक्ष्मी जी पसंद नहीं करती हैं, इन अवगुणों से दूर रहें

धन जब पास में होता है तो व्यक्ति का आत्मविश्वास बना रहता है, सफलता के लिए आत्मविश्वास का होना जरूरी है

धन की रक्षा करना चाहिए, जो धन की रक्षा नहीं करते हैं, उन्हें दुख उठाने पड़ते हैं

धन आने पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से लक्ष्मी जी छोड़कर चली जाती हैं

धन का प्रयोग लोक कल्याण के लिए करना चाहिए, ऐसा करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं, सुख-समृद्धि आती है