किसान अब खेती को कई प्रकार से कर रहे हैं

ऐसी ही एक खेती है कांट्रेक्ट फार्मिंग

इसके लिए किसान कृषि योग्य भूमि का इस्तेमाल के लिए अनुबंध करवाते हैं

इस खेती में सरकार और बड़े किसान अपने खेत को कांट्रेक्ट पर देते हैं

इसमें छोटे किसानों को कांट्रेक्ट पर जमीन दी जाती है

इस खेती में फसल के दाम पहले ही तय कर लिए जाते हैं

इसमें खेती की लागत की जिम्मेदारी कांट्रेक्टर की होती है

इसके जरिए लागत और नुकसान की चिंता नहीं करनी पड़ती है

इसके तहत खेती में कांट्रेक्टर को एक निर्धारित रकम चुकानी पड़ती है

इसके जरिए लागत और नुकसान की चिंता नहीं करनी पड़ती है