बुलडोजर की सबसे बड़ी खासियत है कि इसका इंजन बहुत शक्तिशाली है. इस कारण यह बड़ी से बड़ी चीजों मकान और इमारतों को आसानी से तोड़ देता है.
बुलडोजर का निर्माण मूल रूप से खेती में सहायता के लिए किया गया था, ताकि किसान अपनी जमीन को जल्दी और प्रभावी तरीके से तैयार कर सकें.
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इसका आविष्कार 18 दिसंबर 1923 को James Cummings और J. Earl McLeod ने किया, जिन्हें तब शायद यह अनुमान नहीं था कि भविष्य में यह मशीन निर्माण कार्यों का अहम हिस्सा बन जाएगी.
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शुरुआत में बुलडोजर को ट्रैक्टर से जोड़कर उपयोग किया जाता था, जिससे बड़ी मात्रा में खेतों को कम समय में जोता जा सकता था
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शुरुआत में बुलडोजर को ट्रैक्टर से जोड़कर उपयोग किया जाता था, जिससे बड़ी मात्रा में खेतों को कम समय में जोता जा सकता था
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1925 में 'अटैचमेंट फॉर ट्रैक्टर्स' नाम से बुलडोजर का पेटेंट दर्ज कराया गया, जिससे यह एक वैलिड और इनोवेटिव टूल्स के रूप में मान्यता प्राप्त हुआ.
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समय के साथ बुलडोजर का उपयोग कृषि से आगे बढ़कर रेत, मिट्टी, और मलवा हटाने और इमारत के निर्माण कार्यों में होने लगा.
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1940 के पहले तक इसका उपयोग केवल ट्रैक्टर के अटैचमेंट के रूप में होता था, लेकिन बाद में इसे एक स्वतंत्र भारी मशीन के रूप में विकसित किया गया
बुलडोजर के पहियों में बदलाव करके उनमें रबड़ लगाया गया, ताकि यह ऊबड़-खाबड़ और खराब रास्तों पर भी बेहतर तरीके से चल सके.