काशी विश्वनाथ को भोलेनाथ की नगरी कहा जाता है.



बाबा विश्वनाथ को विश्वेश्वर यानि विश्व के शासक के नाम से भी जाना जाता है.



माता पार्वती से विवाह के बाद भगवान शिव उन्हें काशी ले आए.



उसके बाद से भोलेनाथ यहीं बस गए



यहां विश्वनाथ-ज्योतिर्लिंग के रूप में खुद को स्थापित कर लिया.



ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की यह नगरी उनके त्रिशूल की नोक पर बसी हुई है.



काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो शिव जी के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है.



मंदिर के प्रमुख देवता श्री विश्वनाथ हैं जिसका अर्थ है ब्रह्मांड के भगवान.



काशी को मोक्ष तीर्थस्थल माना जाता है.



मृत्यु के प्रश्चात मोक्ष प्राप्ति के लिए गंगा में अस्थियों का विसर्जन किया जाता है.