जो हुआ, अच्छा हुआ, जो हो रहा है, वह भी अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा.



कर्म किए जाओ, फल की चिंता मत कर.



मनुष्य अपने विश्वास से बनता है, जैसा वह सोचता है, वैसा ही बन जाता है.



संघर्ष के बिना सफलता संभव नहीं, जैसे बिना पसीने के अन्न नहीं मिलता.



जब मन बहुत व्याकुल हो, तो ध्यान को शांति का माध्यम बनाओ.



अहंकार को त्यागो, क्योंकि यही विनाश की जड़ है.



परिवर्तन ही जीवन का नियम है, जो इस सत्य को स्वीकार करता है वही शांत रहता है.



जो अपने अंदर झांकता है, वही सच्चा ज्ञानी है.



जो किसी का अहित नहीं चाहता, वही सच्चा भक्त है.



प्रेम वह शक्ति है जो शत्रु को भी मित्र बना सकती है.