माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं.

मौनी अमावस्या पर संगम या तीर्थ स्नान करना चाहिए.

तीर्थ स्थान संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.

स्नान के बाद जल से पितरों का तर्पण करना चाहिए.

मौनी अमावस्या पर गाय, कुत्ते और कौवे को खाना खिलाना चाहिए.

मौनी अमावस्या पर आंतरिक सुख के लिए मौन व्रत रखा जाता है.

पूरे दिन मौन व्रत न रख पाएं तो सवा घंटा जरूर रखें.

मौनी अमावस्या पर अन्न, वस्त्र, तिल आदि का दान करें.

आज के दिन पीपल और तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं.

शाम में घर के दक्षिण दिशा और मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं.