महाकुंभ में विशेष तिथियों में शाही स्नान का महत्व है.

लेकिन इन दिनों अमृत स्नान नाम सुनने को मिल रहा है.

आइए जानते हैं शाही स्नान और अमृत स्नान में क्या अंतर है.

दरअसल कुंभ में होने वाले शाही स्नान को ही अमृत स्नान का नाम दिया गया है.

जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा,

अमृत स्नान का अर्थ वृष में गुरु का प्रवेश और मकर में सूर्य और चंद्र का एकसाथ आगमन है.

जब यह संगोय 12 साल बाद बनता है तब इसे अमृत योग कहा जाता है.

अखाड़ों और संतों की ओर से शाही स्नान का नाम बदलने की मांग की जा रही थी.

इसके लिए राजसी स्नान और अमृत स्नान नाम सुझाए गए थे.

इसके बाद सरकार ने शाही स्नान का नाम अमृत स्नान कर दिया.