पाजी सरदार पर जोक ना करना और जोकर मत समझना
जब दोस्त बना के काम हो सकता है... तो फिर दुश्मन क्यों बनाएं?
जिनकी मंजिल एक होती है ... वो रास्ते पर ही तो मिलते हैं
हमें तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था...
चौकियां चाहें पुलिस की हों...शहर के कमिश्नर तो हम ही लोग हैं
दुआ में याद रखना
मैं उन चीज़ों की तस्करी करता हूं, जिनकी इजाज़त सरकार नहीं देती