Rahul Gandhi Viral Video Fact Check: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो यात्रा इस वक्त पंजाब से गुजर रही है. यात्रा को लेकर राहुल गांधी शुरुआत से ही चर्चा में रहे हैं. चाहे वो फिर कड़ाके की सर्दी में टी-शर्ट पहनना हो, या 'कैमरे के बिना पगड़ी न पहनने' की बात हो. बीजेपी ने हर मोर्चे पर राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया. अब बीजेपी का दावा है कि राहुल गांधी पुजारी विरोधी हैं और उन्हें पुजारियों से समस्या है. बीजेपी ने एक वीडियो क्लिप भी शेयर किया है.


बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय, हरियाणा बीजेपी का वेरिफाइड हैंडल, झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और यूपी बीजेपी सोशल मीडिया कन्वेनर सौरभ मरोडिया ने वीडियो शेयर कर लिखा है कि राहुल को अब पुजारियों से समस्या है. 


आखिर क्या है अधूरे क्लिप की सच्चाई?


चलिए अब पहले आपको ये बताते हैं कि बीजेपी नेताओं ने जिस वीडियो को शेयर किया है उसमें आखिर है क्या? वीडियो में राहुल गांधी कहते दिख रहे हैं- ''ये तपस्वियों का देश है, पुजारियों का नहीं. ये इस देश की सच्चाई है''. हालांकि, ये पूरा सत्य नहीं है. उन्होंने अपने बयान में पूजा, पुजारी और तपस्या जैसे शब्दों का इस्तेमाल जरूर किया, लेकिन उनका पूरा बयान कुछ और ही था.






तो फिर राहुल गांधी ने कहा क्या?


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "कांग्रेस पार्टी की अगर आप हिस्ट्री देखें... ये तपस्या का संगठन है, इसको अगर आप तपस्या में लगाते हैं तो इसकी एनर्जी बढ़ती है. बीजेपी पूजा का संगठन है. उसको अगर आप पूजा में लगाएंगे उसमें स्ट्रेंथ आती है, पूजा दो तरीके की होती है, धर्म की बात कर रहा हूं... पूरा नॉर्मली होती है कि मैं भगवान के पास जाता हूं और मैं उनसे कुछ मांगता हूं, मगर पहल जो पूजा करता है उसकी होती है."


राहुल गांधी ने बयान में आगे कहा, "RSS की पूजा अलग है... आरएसएस चाहता है कि जबरदस्ती उनकी पूजा हो. मोदी जी चाहते हैं. इसलिए वो आपसे नहीं मिलते ताकि जबरन उनकी पूजा हो और देश में सब लोग उनकी पूजा करें. उसका रिस्पॉन्स एक ही हो सकता है और वो है तपस्या. इसके लिए और कोई जवाब नहीं हो सकता. इसीलिए ये यात्रा सफल है, क्योंकि इसमें सिर्फ कांग्रेस पार्टी या एक व्यक्ति तपस्या नहीं कर रहा है... इसमें लाखों लोग तपस्या कर रहे हैं."


राहुल ने कांग्रेस को बताया तपस्वी


उन्होंने आगे कहा, "इस देश में तपस्या की इज्जत होनी चाहिए. स्किल्स और काम की इज्जत होनी चाहिए, यही कांग्रेस पार्टी कहती है. इतिहास में भी यही कहा है... और बीजेपी/आरएसएस ये कहती है कि तपस्या की कोई इज्जत नहीं होनी चाहिए. जो हमारी पूजा करेगा उसकी इज्जत होगी."


ये है बयान का संदर्भ


पत्रकार के एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, 'हम ये क्यों नहीं कहते कि देखो देखो मजदूर कितने किलोमीटर चला है. क्योंकि हम तपस्या की इज्जत नहीं करते, मैं करता हूं. यही बदलाव लाना है और ये देश तपस्वियों का है, ये देश पुजारियों का नहीं है. इस देश की सच्चाई यही है. जैसे मैंने कहा इस देश को सुपरपावर बनना है तो तपस्वी की इज्जत करनी होगी. उससे गले मिलना पड़ेगा, बैंक के दरवाजे उसके लिए खोलने पड़ेंगे और उसकी सुरक्षा करनी पड़ेगी.'


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