नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर अब मध्य प्रदेश के शिवपुरी की एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर को दुनिया के लिए दोस्ती और हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल बताया जा रहा है. आखिर इस तस्वीर में ऐसा क्या है और इसका सच्चाई से कितना वास्ता है. जानें.


वायरल तस्वीर का दावा क्या है?


तस्वीर में जमीन पर एक लड़का बैठा नजर आ रहा है. दूसरा लड़का उसकी गोद में लेटा है. पास में बैग और पानी की बोतल रखी है. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि 'मुस्लिम दोस्त ने नहीं छोड़ा हिंदू दोस्त का साथ.
अमृत के मरते दम तक याकूब उसके साथ रहा. खुद के कोरोना संक्रमित होने की चिंता नहीं की.'


आखिर क्या है सच्चाई?


एबीपी न्यूज ने इस तस्वीर की पड़ताल की. पता चला तस्वीर मध्य प्रदेश के शिवपुरी की है. जांच में इन दोनों युवकों के साथ बीजेपी कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा की तस्वीरें भी मिलीं. जिसमें में वो इन दोनों को अस्पताल भेजते हुए दिख रहे हैं.


पड़ताल में ये भी पता चला कि लड़कों का नाम अमृत और याकूब है. ये दोनों गुजरात से यूपी के बस्ती ट्रक से जा रहे थे. दोनों ने 4000 रुपये प्रति सवारी के हिसाब से किराया दिया था. शिवपुरी पहुंचने पर अमृत की तबीयत अचानक खराब हो गई. तेज बुखार और उल्टी की वजह से ट्रक ड्राइवर ने अमृत को उतार दिया. दोस्त याकूब भी अमृत के साथ वहीं उतर गया. याकूब और अमृत दोनों सूरत की कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे.


आगे की पड़ताल में क्या सच निकला?


आगे की तहकीकात शिवपुरी के जिला अस्पताल पहुंची. शिवपुरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे ने कहा, एक 24 साल का युवक था अमृत कुमार, जो यूपी के बस्ती का रहने वाला था. उसकी हालत नाजुक थी. बेहोश था. मुंह से झाग आ रहा था. तापमान बढ़ा हुआ था. संभावना ये थी कि उसको लू लग गई थी. उसका इलाज किया गया. लेकिन वो ऐसे क्षेत्र से आया था यहां संक्रमण काफी है. उसे यहां संक्रमण आने की संभावना न रहे. इसलिए सावधानी के लिए उससे सैंपल भी लिया गया.


अमृत कोरोना संक्रमित था या नहीं ये रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. याकूब की कोरोना जांच रिपोर्ट भी अभी आनी है. एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर में याकूब का आखिरी समय तक अपने दोस्त अमृत के साथ होने का दावा सच साबित हुआ.


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