सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो को लेकर दावा किया गया कि अमेरिका में 7 लाख ईसाइयों ने एक साथ हिंदू धर्म अपना लिया. अब सोशल मीडिया यूजर्स धडल्ले से इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं. वीडियो में सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ नजर आ रही है और ये लोग 'हरे कृष्णा, हरे कृष्णा' गाते दिख रहे हैं.


एक यूजर ने X (ट्विटर) पर वीडियो शेयर कर लिखा, 'अमेरिका में 7 लाख ईसाइयों ने एक ही समय में ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू-धर्म में प्रवेश कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. बधाई हो, सभी भगवा योद्धाओं को दिल से प्रणाम. सनातन ही सत्य है और हिंदू ही उसकी पहचान.'


जांच में क्या मिला?
वीडियो को लेकर जो दावा किया जा रहा है, अगर वह सच है तो खबरों में कहीं भी इसका कोई जिक्र क्यों नहीं है. इन वजहों से हमने वीडियो की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल शुरू की कि क्या वाकई यह दावा सच है. इसके लिए सबसे पहले तो हमने कुछ कीवर्ड्स के जरिए गूगल सर्च किया तो ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस बात जिक्र हो. इसके बाद हमने हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) की वेबसाइट भी चेक कि इस पर भी ऐसा कोई आंकड़ा नहीं मिला. एचएएफ अमेरिका में हिंदुओं और हिंदू धर्म के बारे में लोगों को शिक्षित करता है. 


पड़ताल में न्यूज चैनल आज तक का भी एक वीडियो मिला, जिसमें 8 अक्टूबर, 2022 की एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी ऐसे ही एक दावे का फैक्ट चेक किया गया था. रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ दावों का फैक्ट चेक किया गया था. दावे में कहा गया कि 7 लाख अमेरिकी ईसाइयों ने एक साथ हिंदू धर्म अपना लिया. रिपोर्ट में इस दावे को झूठा बताया गया था. 


भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा वीडियो
वीडियो की जांच की गई तो इसमें एक जगह ब्रिटेन का झंडा नजर आ रहा है. वीडियो में लोग 'हरे कृष्णा, हरे कृष्णा' का जाप कर रहे हैं तो कुछ मिक्स कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर कई वीडियो ऐसे मिले, जिनमें लोग भगवान कृष्ण के भजन और 'हरे कृष्णा, हरे कृष्णा' का जाप करते हुए दिख रहे हैं. ये सभी वीडियो जगन्नाथ यात्रा के हैं और इसी साल जून महीने के हैं. इन्हीं में हैप्पी हिंदुस्तानी नाम के एक यूजर का वीडियो मिला. इस वीडियो में भी ब्रिटेन का झंडा नजर आ रहा है. वीडियो में कजाखस्तान लंदन हाउस भी एक जगह लिखा दिखा. इसे गूगल मैप पर लोकेट करके स्ट्रीट व्यू में दृश्य नजर आया, वही वायरल वीडियो में भी दिखा. इससे साफ है कि वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.


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