VP Resignation: Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे पर सियासी 'थ्योरी' का तूफान, फेयरवेल भी नहीं!
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 22 Jul 2025 11:02 PM (IST)
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 21 जुलाई 2025 की रात 9:25 बजे सोशल मीडिया एक्स पर राष्ट्रपति को संबोधित अपना इस्तीफा साझा किया, जिसमें तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने की बात कही गई। उनके इस इस्तीफे को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। विपक्ष समेत कई लोग इस इस्तीफे को केवल स्वास्थ्य से जुड़ा नहीं मान रहे हैं।
इस्तीफे के पीछे चार थ्योरीज़ पर चर्चा है: जस्टिस वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सरकार से अनबन, ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में विवाद, सेहत का हवाला (जो खुद धनखड़ ने दिया), और भाजपा में शीर्ष स्तर पर संभावित बदलाव। सूत्रों के अनुसार, धनखड़ की तबीयत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रही थी; 25 जून को नैनीताल में और बीते गुरुवार को भी उनकी तबीयत खराब हुई थी, जिसके बाद वे एम्स में चेकअप के लिए भी गए थे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर वाकई में धनखड़ बीमार है तो बी जे पी के लोग उनका हालचाल क्यों नहीं ले रहे हैं।" इस्तीफे के बाद कोई फेयरवेल या विदाई भाषण न होने पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया में शब्दों का चुनाव भी चर्चा का विषय बना। 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन धनखड़ पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय दिखे थे। सदन में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करने के उनके कदम को भी एक घटनाक्रम माना जा रहा है, जिससे सरकार असहज स्थिति में थी। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में जेपी नड्डा और किरण रिजिजू की गैरहाजिरी को लेकर भी चर्चाएं हैं। विपक्ष जहां इस्तीफे के पीछे सियासी वजहें बता रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे स्वास्थ्य कारणों से दिया गया इस्तीफा बता रहा है।
इस्तीफे के पीछे चार थ्योरीज़ पर चर्चा है: जस्टिस वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सरकार से अनबन, ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में विवाद, सेहत का हवाला (जो खुद धनखड़ ने दिया), और भाजपा में शीर्ष स्तर पर संभावित बदलाव। सूत्रों के अनुसार, धनखड़ की तबीयत पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रही थी; 25 जून को नैनीताल में और बीते गुरुवार को भी उनकी तबीयत खराब हुई थी, जिसके बाद वे एम्स में चेकअप के लिए भी गए थे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "अगर वाकई में धनखड़ बीमार है तो बी जे पी के लोग उनका हालचाल क्यों नहीं ले रहे हैं।" इस्तीफे के बाद कोई फेयरवेल या विदाई भाषण न होने पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया में शब्दों का चुनाव भी चर्चा का विषय बना। 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन धनखड़ पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय दिखे थे। सदन में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करने के उनके कदम को भी एक घटनाक्रम माना जा रहा है, जिससे सरकार असहज स्थिति में थी। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में जेपी नड्डा और किरण रिजिजू की गैरहाजिरी को लेकर भी चर्चाएं हैं। विपक्ष जहां इस्तीफे के पीछे सियासी वजहें बता रहा है, वहीं सत्ता पक्ष इसे स्वास्थ्य कारणों से दिया गया इस्तीफा बता रहा है।