बढ़ा मतदान...किसके पक्ष में रुझान?
बिहार के वोटर्स ने कमाल कर दिया। वोटिंग का नया इतिहास रच दिया। सारे पुराने रिकॉर्ड टूट गए। पहले दौर की 121 सीटों पर करीब 65 फीसदी लोगों ने वोट डाले। इस कीर्तिमान से चुनाव आयोग ही नहीं, सत्ता के दावेदार भी बमबम हैं। एनडीए और महागठबंधन ही नहीं, जन सुराज के प्रशांत किशोर भी ऐतिहासिक मतदान को अपने पक्ष में बता रहे हैं। बिहार में मतदान के कीर्तिमान का पूरा विश्लेषण करें। उससे पहले सवाल ये कि पहले चरण का रिकॉर्ड वोटिंग परसेंटेज क्या कह रहा है? क्या ये नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए राज के बरकरार रहने का सबूत है? या आजादी के बाद बिहार में हुए सबसे ज्यादा मतदान का मतलब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की जीत है? या फिर बिहार ने नए विकल्प प्रशांत किशोर के जन सुराज पर भऱोसा जताया है? सच्चाई का पता तो 14 नवंबर को ही चलेगा।बिहार के वोटर्स ने कमाल कर दिया। वोटिंग का नया इतिहास रच दिया। सारे पुराने रिकॉर्ड टूट गए। पहले दौर की 121 सीटों पर करीब 65 फीसदी लोगों ने वोट डाले। इस कीर्तिमान से चुनाव आयोग ही नहीं, सत्ता के दावेदार भी बमबम हैं। एनडीए और महागठबंधन ही नहीं, जन सुराज के प्रशांत किशोर भी ऐतिहासिक मतदान को अपने पक्ष में बता रहे हैं। बिहार में मतदान के कीर्तिमान का पूरा विश्लेषण करें। उससे पहले सवाल ये कि पहले चरण का रिकॉर्ड वोटिंग परसेंटेज क्या कह रहा है? क्या ये नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए राज के बरकरार रहने का सबूत है? या आजादी के बाद बिहार में हुए सबसे ज्यादा मतदान का मतलब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की जीत है? या फिर बिहार ने नए विकल्प प्रशांत किशोर के जन सुराज पर भऱोसा जताया है? सच्चाई का पता तो 14 नवंबर को ही चलेगा।बिहार के वोटर्स ने कमाल कर दिया। वोटिंग का नया इतिहास रच दिया। सारे पुराने रिकॉर्ड टूट गए। पहले दौर की 121 सीटों पर करीब 65 फीसदी लोगों ने वोट डाले। इस कीर्तिमान से चुनाव आयोग ही नहीं, सत्ता के दावेदार भी बमबम हैं। एनडीए और महागठबंधन ही नहीं, जन सुराज के प्रशांत किशोर भी ऐतिहासिक मतदान को अपने पक्ष में बता रहे हैं। बिहार में मतदान के कीर्तिमान का पूरा विश्लेषण करें। उससे पहले सवाल ये कि पहले चरण का रिकॉर्ड वोटिंग परसेंटेज क्या कह रहा है? क्या ये नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए राज के बरकरार रहने का सबूत है? या आजादी के बाद बिहार में हुए सबसे ज्यादा मतदान का मतलब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की जीत है? या फिर बिहार ने नए विकल्प प्रशांत किशोर के जन सुराज पर भऱोसा जताया है? सच्चाई का पता तो 14 नवंबर को ही चलेगा।बिहार के वोटर्स ने कमाल कर दिया। वोटिंग का नया इतिहास रच दिया। सारे पुराने रिकॉर्ड टूट गए। पहले दौर की 121 सीटों पर करीब 65 फीसदी लोगों ने वोट डाले। इस कीर्तिमान से चुनाव आयोग ही नहीं, सत्ता के दावेदार भी बमबम हैं। एनडीए और महागठबंधन ही नहीं, जन सुराज के प्रशांत किशोर भी ऐतिहासिक मतदान को अपने पक्ष में बता रहे हैं। बिहार में मतदान के कीर्तिमान का पूरा विश्लेषण करें। उससे पहले सवाल ये कि पहले चरण का रिकॉर्ड वोटिंग परसेंटेज क्या कह रहा है? क्या ये नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए राज के बरकरार रहने का सबूत है? या आजादी के बाद बिहार में हुए सबसे ज्यादा मतदान का मतलब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की जीत है? या फिर बिहार ने नए विकल्प प्रशांत किशोर के जन सुराज पर भऱोसा जताया है? सच्चाई का पता तो 14 नवंबर को ही चलेगा।