Voter List Irregularities: Bihar में Tejashwi Yadav का Nitish सरकार और Election Commission पर हमला!
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 13 Jul 2025 01:26 PM (IST)
तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नीतीश सरकार को घेरा। उन्होंने बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह केवट की हत्या का जिक्र किया। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में आगामी चुनाव से पहले कानून व्यवस्था विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा है। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर भी कई आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने 80.11% मतदाताओं के गन्ना प्रपत्र भरने का दावा किया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इनमें से कितने प्रपत्र सत्यापित, स्वैच्छिक और वैध तरीके से भरे गए हैं। फील्ड से मिली जानकारी के अनुसार, बीएलओ द्वारा बिना मतदाता की जानकारी और सहमति के फर्जी अंगूठा या हस्ताक्षर लगाकर प्रपत्र अपलोड किए जा रहे हैं। आयोग ने प्रमाणिकता, सहमति और वैधता की कोई गारंटी नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बावजूद, निर्वाचन आयोग ने दस्तावेजों में लचीलापन लाने के लिए कोई औपचारिक संशोधित अधिसूचना जारी नहीं की है, जिससे बीएलओ और मतदाता भ्रमित हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि कितने प्रपत्र बिना दस्तावेज या मतदाता की प्रत्यक्ष भागीदारी के अपलोड हुए। 4.66 करोड़ डिजिटलाइज्ड फॉर्म में से कितनों का आधार या ईपीआईसी से सत्यापन हुआ, यह भी स्पष्ट नहीं है। विपक्षी दलों के बीएलओ को कई जिलों में सूचित नहीं किया गया और प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी से रोका गया। बीएलओ और ईआरओ पर 50% से अधिक अपलोडिंग का अनौपचारिक लक्ष्य थोपा गया है, जिससे पूरा अभियान गैर-पारदर्शी बन गया है। ईसीआई नेट पर सर्वर डाउन, ओटीपी समस्या, लॉगिन एरर, दस्तावेज अपलोड फेलियर और गलत मैपिंग जैसी गंभीर तकनीकी समस्याएं सामने आई हैं। इन शिकायतों के लिए कोई सपोर्ट सिस्टम, टिकटिंग पोर्टल या हेल्पलाइन उपलब्ध नहीं कराई गई है। 25 जुलाई की समय सीमा से पहले काम पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता की जगह संख्या और गति को प्राथमिकता मिल रही है। एक डीएम का वायरल ऑडियो भी सामने आया है जिसमें बिना डॉक्यूमेंट के फॉर्म लेने की बात कही गई है, जो चुनाव आयोग के आदेश के विपरीत है। तेजस्वी यादव ने कहा, "अबकी बार बिहार से आर पार होगा और मोदी जी और इलेक्शन कमीशन ही ना समझेगी। ये गुजरात है। ये जो है, बिहार है और बिहार के लोग सचेत हो चूके है, अलर्ट है।" उन्होंने यह भी कहा कि 90 फीसदी मतदाता वंचित और विकसित वर्ग से हैं, और उनका वोट का अधिकार छीना नहीं जा सकता।