Patna Businessman Murder: पटना में हाई प्रोफाइल हत्याकांड, 'Jungle Raj' पर सियासी घमासान, SIT गठित!
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 06 Jul 2025 08:14 AM (IST)
बिहार की राजधानी पटना में एक हाई प्रोफाइल हत्याकांड से सियासी पारा चढ़ गया है. पटना के पॉश इलाके में एक कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान पटना के जाने-माने उद्योगपति गोपाल खेमका के रूप में हुई है. घटना रात 11:37 बजे कटारूका अपार्टमेंट के बाहर हुई, जहाँ एक शख्स ने घात लगाकर फॉर्चूनर कार में सवार गोपाल खेमका पर कई राउंड फायरिंग की और फरार हो गया. परिजनों का आरोप है कि घटना के दो घंटे बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जबकि गांधी मैदान थाना महज 300 मीटर और एसपी आवास 200 मीटर दूर है. इस हत्याकांड ने बिहार में 'जंगलराज' की गूंज एक बार फिर तेज कर दी है. आरजेडी नीतीश राज को 'जंगलराज' बता रही है, तो बीजेपी ने 'बुलडोजर इंसाफ' का ऐलान किया है. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके बाद एसआईटी का गठन किया गया है. सीएम नीतीश कुमार ने डीआईजी से पूरे मामले की रिपोर्ट ली है और फोरेंसिक टीम सबूत जुटाने घटनास्थल पर पहुंची है. आरोपियों की तलाश में पटना की बेउर जेल में भी रेड की गई है. यह हत्याकांड सात साल पुरानी वारदात को फिर से ताजा कर गया है, जब 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन की भी हत्या हुई थी और हत्या का पैटर्न भी समान था. गोपाल खेमका हेल्थकेयर के बिजनेस से जुड़े थे और मगध कैंसर अस्पताल के मालिक थे, साथ ही पेट्रोल पंप का भी संचालन करते थे. उनका उद्योग जगत से लेकर सियासी गलियारों तक रसूख था. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने परिजनों से मुलाकात की और सीबीआई जांच की मांग की है. वहीं, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अपराधियों को पकड़ने का भरोसा दिया है. बिहार में चुनाव का माहौल है और इस हत्याकांड ने एनडीए सरकार को 'जंगलराज' के आरोपों में घेर लिया है. सरकार का कहना है कि वे अपराधियों को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एक अज्ञात व्यक्ति ने कहा, "सरकार भाई पूरी गंभीरता के साथ अपराधियों को कार्रवाई ही नहीं। इसके समूल नष्ट करने के संकल्प को पूरा करेंगे। चाहे एनकाउंटर करना पड़े, डोजर चलाना पड़े या इसकी संपत्ति जब्त करनी पड़े। हम जीरो टॉलरेंस अपराध के मामले में रखते हैं और हमारे राज्य में और लालू जीके राज्य में यही बुनियादी फर्क है। जिसमें अपराधियों को किसी प्रकार का भी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त नहीं है। वो दिन अब हवा हुए जब मुख्यमंत्री के आवास से फिरौती की रकम तय होती थी।"