Bihar Election: बाढ़-बारिश से बेहाल आम आदमी, नेताओं को फर्क नहीं! | Flood Update 2025
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 07 Aug 2025 09:06 PM (IST)
देश में जनता के मुद्दों पर सिर्फ सियासत हो रही है, जिसे 'सियासी आपदा' का नाम दिया गया है. 21 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मॉनसून सत्र लगातार विरोध के बादलों में घिरा है. संसद में सार्थक बहस नहीं हो पा रही है और सरकार जल्दबाजी में बिल पास करा रही है. सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर सदन न चलाने की जिम्मेदारी डाल रहे हैं, जबकि संसद के बाहर राजनीतिक दांवपेच खूब चल रहे हैं. इस सियासी शोर में बारिश-बाढ़ की आपदा में फंसे आम आदमी, अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे SSC छात्रों और खाद के लिए परेशान किसानों की समस्याओं पर कोई बात नहीं हो रही है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और बिहार जैसे राज्य बारिश-बाढ़ की मार झेल रहे हैं, लेकिन नेताओं के चेहरों पर कोई परेशानी नहीं दिखती. मिर्जापुर, बनारस, प्रयागराज और पीलीभीत जैसे जिलों में आम आदमी बाढ़ से बदहाल है. ABP News की रिपोर्ट में दिखाया गया है कि "आपदा में अवसर वाली राजनीति के बीच देश के आम आदमी की हालत ये है." आम आदमी सिस्टम के भरोसे खुद को गुमशुदा पाता है, जबकि राजनेता AC कमरों में सोते हैं. बिहार में चुनावी साल है और राजनेता वोटर वेरिफिकेशन के विवाद में उलझे हैं, जबकि आम आदमी सैलाब की परेशानी में फंसा है. नेताओं के वादों पर भरोसा करने वाले आम आदमी को बदले में धोखा मिलता है. आज ABP News की कोशिश आम आदमी की परेशानियों पर सरकार को आईना दिखाने की है, ताकि देश की राजनीति में उसे उसकी सही जगह मिल सके.