ट्रेन में सीट नहीं..बस टिकट जेब काट रही...हालात बदल से बदत्तर!
ना ट्रेन में पैर रखने की जगह बची है...ना बिहार जा रही बसों में सांस लेने की जगह है...ट्रेनों में टिकट नहीं मिला तो सोचा बस से ही छठ महापर्व के लिए घर का रूख किया जाए...लेकिन यहां भी हालात बदल से बदत्तर नजर आ रहे है....दिल्ली से बिहार जा रही बसों में यात्री भेड़ बकरियों की तरह भरे हुए है...सही कहें तो यात्रियों को खुलेआम लूटा जा रहा है...उनसे दोगुना किराया वसूला जा रहा है...बदले में उन्हें मिल रही है...परेशानी...परेशानी और सिर्फ परेशानी ना ट्रेन में पैर रखने की जगह बची है...ना बिहार जा रही बसों में सांस लेने की जगह है...ट्रेनों में टिकट नहीं मिला तो सोचा बस से ही छठ महापर्व के लिए घर का रूख किया जाए...लेकिन यहां भी हालात बदल से बदत्तर नजर आ रहे है....दिल्ली से बिहार जा रही बसों में यात्री भेड़ बकरियों की तरह भरे हुए है...सही कहें तो यात्रियों को खुलेआम लूटा जा रहा है...उनसे दोगुना किराया वसूला जा रहा है...बदले में उन्हें मिल रही है...परेशानी...परेशानी और सिर्फ परेशानी ना ट्रेन में पैर रखने की जगह बची है...ना बिहार जा रही बसों में सांस लेने की जगह है...ट्रेनों में टिकट नहीं मिला तो सोचा बस से ही छठ महापर्व के लिए घर का रूख किया जाए...लेकिन यहां भी हालात बदल से बदत्तर नजर आ रहे है....दिल्ली से बिहार जा रही बसों में यात्री भेड़ बकरियों की तरह भरे हुए है...सही कहें तो यात्रियों को खुलेआम लूटा जा रहा है...उनसे दोगुना किराया वसूला जा रहा है...बदले में उन्हें मिल रही है...परेशानी...परेशानी और सिर्फ परेशानी ना ट्रेन में पैर रखने की जगह बची है...ना बिहार जा रही बसों में सांस लेने की जगह है...ट्रेनों में टिकट नहीं मिला तो सोचा बस से ही छठ महापर्व के लिए घर का रूख किया जाए...लेकिन यहां भी हालात बदल से बदत्तर नजर आ रहे है....दिल्ली से बिहार जा रही बसों में यात्री भेड़ बकरियों की तरह भरे हुए है...सही कहें तो यात्रियों को खुलेआम लूटा जा रहा है...उनसे दोगुना किराया वसूला जा रहा है...बदले में उन्हें मिल रही है...परेशानी...परेशानी और सिर्फ परेशानी