नागपुर में पत्थरबाजी का 'कश्मीर पैटर्न'?
नागपुर में हिंसा के बाद हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं...11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू नहीं हटाया गया है लेकिन सोमवार रात की हिंसा के बाद अब हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं...वहीं दंगे की साज़िश हैरान करने वाली है महाराष्ट्र गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक़ नागपुर में हुई पत्थरबाज़ी का पैटर्न कश्मीर की तरह नज़र आ रहा है...कश्मीर में भले ही अनुच्छेद 370 हटने के बाद पत्थरबाज़ी थम गई हो लेकिन उसी तरह की पत्थरबाज़ी नागपुर की हिंसा के दौरान नज़र आई...यहां तक कि कश्मीर की तरह ही छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में पत्थर और दूसरे हथियार थमा दिए गए... बात सिर्फ़ यहीं तक नहीं है बल्कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को भी चुन-चुनकर निशाना बनाया गया...FIR के मुताबिक़ अंधेरे का फायदा उठाकर दंगाइयों ने महिला पुलिसकर्मियों से छेड़खानी की...FIR में लिखा है कि दंगाइयों ने अश्लील हरकत करने के इरादे से एक महिला कॉन्स्टेबल की वर्दी और शरीर को छुआ...दंगाइयों ने दूसरी महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी यौन दुर्व्यव्हार किया...कुछ महिला पुलिस कर्मियों को देखकर दंगाइयों ने अश्लील इशारे किए और भद्दे कमेंट किए...दंगों के दौरान इस तरह की हरकत भी आम तौर पर सुनने को नहीं मिलती... दंगे की सच्चाई सामने आने के साथ-साथ औरंगज़ेब को लेकर राजनीति भी जारी है...शिवसेना उद्धव गुट के मुखपत्र सामना में आरोप लगाया गया है कि BJP का मकसद पहले खलनायक औरंगजेब को कब्र सहित खत्म करना है ताकि उसके ख़त्म होते ही नायक छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज भी ख़त्म हो जाएंगे... आज महादंगल में पूछेंगे नागपुर दंगे में साज़िश के तार कहां तक...बच्चों को दंगे का हथियार बनाने का मक़सद क्या है? सवाल ये भी कि क्या औरंगज़ेब अब राजनीतिक हथियार बन गया है ?