Kanwar Yatra Identity Row: आस्था पर घमासान, पैंट उतारने तक आई बात! Amarnath में भाईचारा
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 02 Jul 2025 08:06 PM (IST)
अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था सोनमार्ग पहुँच गया है। जम्मू कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दरख्शा आंद्राबी ने अमरनाथ यात्रियों के आगमन पर भंडारे का आयोजन किया और इसे भारत की खूबसूरती बताया। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान एक हैं और हम उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं। यह भारत की असल तस्वीर है। इसके विपरीत, 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा से पहले पहचान पर लड़ाई शुरू हो गई है। मुजफ्फरनगर बाईपास के नजदीक एक ढाबे पर कुछ लोगों ने एक कर्मचारी से नाम और पहचान बताने को कहा। आरोप है कि नाम बताने से मना करने पर उसे घेरकर पैंट उतारने की कोशिश की गई। उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ मार्ग पर दुकानों को नेम प्लेट लगाने और खुले में मांसासाहारी भोजन की बिक्री न करने का आदेश जारी किया है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ रूट की दुकानों पर नेम प्लेट जरूरी नहीं बताई थी, सिर्फ भोजन का प्रकार लिखने को कहा था। स्वामी यशवीर महाराज और उनके समर्थकों पर आरोप है कि वे मुसलमानों को काम करने से रोकने के लिए ढाबों की चेकिंग कर रहे हैं और 'थूक जिहाद' जैसे आरोप लगा रहे हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी मालिक का नाम, लाइसेंस और पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य किया है। समाजवादी पार्टी के नेता एसपी हसन ने इस घटना की तुलना पहलगाम में हुए आतंकी हमले से की, जहाँ पहचान करने के बाद गोली मारी गई थी। असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाया, "क्या ये गंदगी है? कल के दिन अगर कोई टीवी चालू हो तो चले जाएंगे। एंकर को पूछेंगे आपके जीतने बड़े एंकर हैं तेरा नाम क्या है बोल? उन्हें बोलेंगे तो नहीं मालूम नाम बोल नहीं तेरा नाम भी ये नहीं है क्या है ये कहा रुकेंगे ये?" कार्यक्रम में यह सवाल उठाया गया कि 10 साल में ऐसा क्या बदला है कि आस्था पर इतना घमासान और पहचान पर लड़ाई पैंट उतारने तक आ गई है।