Kanwar Yatra Identity Check: QR Code पर सियासत, 'पहचान' पर संग्राम!
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 07 Jul 2025 11:18 AM (IST)
कांवड़ यात्रा मार्ग पर पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन और सरकार की एक पहल सामने आई है। हालांकि, एक पक्ष इस कदम का विरोध कर रहा है। विरोध करने वालों ने आशंका जताई है कि क्यूआर कोड से असली मालिक का नाम या कर्मचारियों की सही जानकारी नहीं मिलेगी, और कोई भी व्यक्ति हिंदू नाम से लाइसेंस लेकर दुकान चला लेगा। उन्होंने नए फूड लाइसेंस रद्द करने और ऐसी व्यवस्था बनाने की मांग की है जिसमें मालिक का नाम, कर्मचारियों का नाम और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से दर्ज हो। उत्तर प्रदेश सरकार कांवड़ यात्रा को लेकर सक्रिय है। कांवड़ मार्ग में खाद्य पदार्थों की जांच की जाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी 24 घंटे निरीक्षण करेंगे और गुणवत्ता के लिए सैंपल लिए जाएंगे। शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। बुलंदशहर, हापुड़ और शामली जैसे जिलों पर विशेष नजर रखने की बात कही गई है। उधर, कांवड़ यात्रा के रूट पर नाम बदलकर दुकान चलाने वालों पर एक सांसद ने बयान दिया है। उन्होंने लोगों से अपने नाम से ही दुकान चलाने की अपील की है और कहा है कि किसी भी धर्म या मजहब का इंसान कोई भी कारोबार कर सकता है। कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल और ढाबों पर क्यूआर कोड के जरिए पहचान के रास्ते पर अब सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने इस पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा, "उन्होंने कोई अच्छा कॉरिडोर कावड़ियों के लिए बनाया होता जो सुरक्षित होता। जिम्मेदारी थी कि वैदिक परंपराओं को मानते हुए कोई ऐसा कॉरिडोर बनाते। जिसमें कावड़ियों को आराम करने का उनके खाने पीने का उनके स्वास्थ को लेकर के चिंता करते। अब तो उन्होंने कॉरिडोर बनाया नहीं। इसीलिए क्यूआर कोड ऍप ये नाटक कर रहे हैं।" भारतीय जनता पार्टी उनके सवालों पर पलटवार कर रही है। कांग्रेस के एक नेता ने भी इस मामले पर बयान दिया है और कहा है कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।