Voter List Revision: वोटरों के अधिकार पर 'हमला', चुनाव हारने के डर से 'खेल'?
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 24 Jul 2025 12:22 PM (IST)
केंद्र सरकार पर चुनाव आयोग के माध्यम से वोटर लिस्ट में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' के जरिए करोड़ों गरीब, मजलूम, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक और दलित वोटरों को मताधिकार से वंचित करने का आरोप लगा है। विपक्ष का कहना है कि 2003 के बाद से हुए सभी चुनाव 'फर्जी' हैं। यह आरोप लगाया गया है कि मौजूदा सरकार अपनी हार के डर से यह फैसला कर रही है। पिछली बार सरकार और विपक्ष के बीच वोटों का अंतर सिर्फ 12,000 का था। विपक्ष का दावा है कि 50 लाख वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की कोशिश की जा रही है ताकि सरकार बनाई जा सके। यह भी कहा गया कि 'घुसपैठिया' शब्द का इस्तेमाल मुसलमानों को गाली देने के लिए किया जा रहा है, जबकि 2020 के चुनाव आयोग के सर्वेक्षण में गुजरात, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में बहुत कम या कोई घुसपैठिया नहीं मिला। एक वक्ता ने कहा, "इरादे मेरे हमेशा साफ होते हैं और इसलिए कई लोग मेरे खिलाफ़ होते हैं।" विपक्ष ने चेतावनी दी है कि वे इस कोशिश को कामयाब नहीं होने देंगे।