Bharat ki Baat: Bihar Politics में EC भी जान गया..'सूत्रों' में है बड़ी शक्ति! Pratima Mishra | RJD
एबीपी न्यूज़ डेस्क | 14 Jul 2025 09:46 PM (IST)
भारत निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बिहार की वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार के लोगों के बड़ी संख्या में शामिल होने का दावा किया है. आयोग के अनुसार, बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) द्वारा किए जा रहे गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के दौरान ऐसे विदेशी मतदाताओं की पहचान हुई है. हालांकि, पटना में ग्राउंड रिपोर्ट में कई BLOs ने कैमरे पर इस दावे को खारिज किया, कहा कि उन्हें ऐसे कोई कागजात नहीं मिले. इस दावे पर बिहार के साथ-साथ देश के सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि BLOs ने विदेशी वोटर्स की पहचान कैसे की और क्या एक संवैधानिक संस्था सूत्रों के हवाले से काम करेगी. पारदर्शिता की कमी साफ दिख रही है. अधिकारियों ने मीडिया से बात करने से इनकार किया. तेजस्वी यादव ने आयोग के सूत्रों पर टिप्पणी करते हुए कहा, "इनके सूत्र को हम मूत्र समझते हैं." जिस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई. दूसरी बड़ी खबर मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले से है, जहाँ सरकारी सिस्टम पर लाल फीताशाही हावी दिखी. एक नए शमशान घाट का उद्घाटन न होने के कारण शव के दाह संस्कार से इनकार कर दिया गया. भारी बारिश के बीच परिजनों को टीन शेड लगाकर अंतिम संस्कार करना पड़ा. पंचायत सचिव ने पहले उद्घाटन न होने का हवाला दिया, लेकिन बाद में अपने बयान से पलट गए. यह घटना नेताओं की फीता काटने की प्रवृत्ति पर सवाल उठाती है. देश में सिस्टम की लापरवाही और कुदरत का कहर एक साथ देखने को मिल रहा है. कहीं अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट के दरवाजे बंद हैं तो कहीं प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है. रीवा के जवार थाना क्षेत्र में गर्भवती महिला प्रिया रानी कोल की महणा नदी पार करते हुए वाहन फंसने से मौत हो गई, क्योंकि 2 घंटे तक कोई मदद नहीं पहुंची. गुरुग्राम में खुले सीवर में गिरकर ऑटो ड्राइवर शैलेंद्र की जान चली गई. इन घटनाओं पर एक व्यक्ति ने कहा, "ये हमारे देश के सड़े हुए सिस्टम की एक और तस्वीर है." एक तरफ जहां सिस्टम की लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है, वहीं दूसरी ओर मानसून का डबल गेम जारी है. राजस्थान में 1 जून से 13 जुलाई के बीच सामान्य से 102 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है, जिससे जोधपुर, धौलपुर और भीलवाड़ा जैसे शहरों में बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं, बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और नवादा जैसे बड़े इलाकों में सूखे की स्थिति है, जहां फसलें बर्बाद हो रही हैं. मध्य प्रदेश के मुरैना में चक्रवात तूफान ने तबाही मचाई, तो शिवपुरी में उफनते नाले में युवक बहते-बहते बचे. उत्तराखंड के देवप्रयाग और हिमाचल प्रदेश के मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड से रास्ते बंद हो गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब जलवायु परिवर्तन का नतीजा है, जिससे कहीं रिकॉर्ड तोड़ बारिश हो रही है तो कहीं बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं.