अनिरुद्धाचार्य..हद कर दी!
अब अनिरुद्धाचार्य ने लिव इन में रहने वालों की तुलना कुत्ते से कर दी है। अनिरुद्धाचार्य का कहना है कि जिस तरह से भारत में हजारों साल से कुत्ते लिव इन में रहते हैं , आज लिव-इन में रहने वाले लोग भी उन्हीं की तरह हैं, क्या एक कथावाचक जो धर्म के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं उसे ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है। लिव इन के गुण दोष को लेकर चर्चा हो सकती है, समय-समय पर चर्चा होती भी रही है लेकिन इस तरह की बदजुबानी बर्दाशत नहीं की जा सकती। पहले 25 साल की लड़कियों पर भद्दी टिप्पणी,वेश्याओं से उनकी तुलना, सुंदर दिखने के लिए चेहरे पर गोबर लगाने की सलाह देना, 15 अगस्त मनाने के पीछे अज्ञानता से भरी बातें करना और अब लिव इन में रहने वाले लड़के-लड़कियों की तुलना कुत्ते से करना।अब अनिरुद्धाचार्य ने लिव इन में रहने वालों की तुलना कुत्ते से कर दी है। अनिरुद्धाचार्य का कहना है कि जिस तरह से भारत में हजारों साल से कुत्ते लिव इन में रहते हैं , आज लिव-इन में रहने वाले लोग भी उन्हीं की तरह हैं, क्या एक कथावाचक जो धर्म के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं उसे ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है। लिव इन के गुण दोष को लेकर चर्चा हो सकती है, समय-समय पर चर्चा होती भी रही है लेकिन इस तरह की बदजुबानी बर्दाशत नहीं की जा सकती। पहले 25 साल की लड़कियों पर भद्दी टिप्पणी,वेश्याओं से उनकी तुलना, सुंदर दिखने के लिए चेहरे पर गोबर लगाने की सलाह देना, 15 अगस्त मनाने के पीछे अज्ञानता से भरी बातें करना और अब लिव इन में रहने वाले लड़के-लड़कियों की तुलना कुत्ते से करना।अब अनिरुद्धाचार्य ने लिव इन में रहने वालों की तुलना कुत्ते से कर दी है। अनिरुद्धाचार्य का कहना है कि जिस तरह से भारत में हजारों साल से कुत्ते लिव इन में रहते हैं , आज लिव-इन में रहने वाले लोग भी उन्हीं की तरह हैं, क्या एक कथावाचक जो धर्म के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं उसे ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है। लिव इन के गुण दोष को लेकर चर्चा हो सकती है, समय-समय पर चर्चा होती भी रही है लेकिन इस तरह की बदजुबानी बर्दाशत नहीं की जा सकती। पहले 25 साल की लड़कियों पर भद्दी टिप्पणी,वेश्याओं से उनकी तुलना, सुंदर दिखने के लिए चेहरे पर गोबर लगाने की सलाह देना, 15 अगस्त मनाने के पीछे अज्ञानता से भरी बातें करना और अब लिव इन में रहने वाले लड़के-लड़कियों की तुलना कुत्ते से करना।