Indian Middle Class Debt Trap: बढ़ते Loan और घटती Savings की असल कहानी | Paisa Live
भारत में बढ़ती महंगाई, सस्ते Loan Options और बदलती जीवनशैली ने Indian Middle Class को गहरे कर्ज़ में धकेल दिया है। संसद में पेश RBI के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, Home Loan, Personal Loan, Vehicle Loan और Credit Card Outstanding लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। Housing Loan का कुल आंकड़ा FY 2023–24 में बढ़कर 39 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है। रियल एस्टेट में तेजी इस वृद्धि की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। इसके साथ ही Non-Housing Loans, जिनमें Personal Loan, Credit Card Outstanding, Education Loan और Vehicle Loan शामिल हैं, यह आंकड़ा अब लगभग 74 लाख करोड़ रुपये के पार पहुँच चुका है। यह स्थिति बताती है कि अब EMI पर आधारित जीवनशैली भारत के सामान्य परिवारों का हिस्सा बन चुकी है। वहीं दूसरी ओर, परिवारों की Net Household Savings GDP का सिर्फ 5.3 प्रतिशत रह गई है, जो पिछले 50 सालों में सबसे कम स्तर है। यह गिरावट चिंता का विषय है और Middle Class की आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल खड़े करती है। युवा वर्ग में Buy Now Pay Later जैसी सुविधाओं का बढ़ता इस्तेमाल आने वाले समय में Personal Loan Segment और कुल कर्ज़ में और अधिक तेजी ला सकता है। इस वीडियो में हम विस्तार से समझते हैं कि यह आर्थिक बदलाव कैसे भारतीय Middle Class की वित्तीय सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है और आने वाले वर्षों में इसका क्या असर हो सकता है।