जानें सन्यासी से सीएम बनने वाले योगी आदित्यनाथ के जीवन की कुछ खास बातें
गढ़वाल विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रैजुएशन की. 22 साल की उम्र में उन्होंने परिवार छोड़ दिया और गोरखपुर चले आए. यहां उन्होंने सन्यास ले लिया और तब उन्हें नया नाम मिला- योगी आदित्यनाथ.
योगी आदित्यनाथ अपने भाषणों के कारण भी जाने जाते हैं. उनका संगठन हिन्दू युवा वाहिनी अपने विवादित कामों और बयानों के कारण काफी चर्चा में रहा. खुद योगी भी विवादित भाषणों के लिए जाने जाते रहे.
26 साल की उम्र में ही योगी सांसद बन गए थे. शुरूआत में ही वह बीजेपी के सहयोगी संगठन से जुड़ गए थे लेकिन 1991 में उन्हें छात्र संघ का टिकट नहीं मिला. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.
1998 में योगी पहली बार सांसद बने थे उसके बाद तो लगातार वह सांसद रहे. 2002 में उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी का गठन किया. हालांकि 2017 में सीएम बनने के बाद उन्हें सांसद पद छोड़ना पड़ा.
2017 में वे यूपी के सीएम बने. वे बीजेपी के स्टार प्रचारकों में से एक रहे हैं. 2017 से पहले भी उन्होंने बीजेपी के पक्ष में हवा बनाने के लिए काम किया और सीएम बनने के बाद भी वह चुनावों में बीजेपी का प्रचार कर रहे हैं.
5 जून 1972 को यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था. मूलत: वह उत्तराखंड के रहने वाले हैं और उनका असली नाम अजय मोहन सिंह बिष्ट है.
उत्तराखंड की यमकेश्वर नाम की जगह पर उनका जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और मां का नाम सावित्री देवी है. आठवीं तक की शिक्षा उन्होंने गांव के स्कूल से ही ली.
गोरखधाम पीठ के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. सितंबर 2014 में महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद योगी को महंत घोषित किया गया. माना जाता है कि योगी पूर्वी यूपी में अच्छा प्रभाव रखते हैं.