शरद पूर्णिमा: श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में लगाई आस्था की डुबकी
ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मीजी को खीर का भोग लगाया जाए तो हमेशा उनकी कृपा बरसती रहती है और पैसों की कमी कभी नहीं होती. ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से बरसने वाले अमृत का रसास्वादन किया जाता है.
साधु-संत बताते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन खास पूजा की जाती है. श्रीकृष्ण के उपासक कृष्ण की प्रतिमा के चारों ओर नृत्य करते हैं. आज के दिन चंद्रमा बहुत शक्तिशाली होता है. आज चंद्रमा के निकलते ही उसकी पूजा की जाती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
शरद पूर्णिमा के वैसे तो कई महत्व हैं पर उनमें से एक सबसे अहम जो है वो ये कि आज के दिन कर्ज का बोझ उतारने के लिए प्रार्थना की जाती है. शरद पूर्णिमा यानि आज ही के दिन से शरद मास शुरू होता है.
शरद पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई. संगम तट पर सुबह से ही लोगों का तांता लगा हुआ है. कहते हैं शरद पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था और आज ही के दिन नीलकंठ महादेव के बड़े पुत्र कार्तिकेय का भी जन्म हुआ था.
इतना ही नहीं, शरद पूर्णिमा के दिन श्रीकृष्ण का महारास भी हुआ था. इसके अलावा भी शरद पूर्णिमा का अपना महत्व है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं के साथ होता है. शरद पूर्णिमा का दिन सिद्धियों के लिए विशेष है. आज के दिन विवाह की बाधा दूर करने के लिए प्रार्थना की जाती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज