बनारस में उठा सकेंगे गोवा जैसे क्रूज का आनंद, गंगा की लहरों पर होगा भोलेनाथ का अभिषेक
इसके अलावा यह क्रूज फिलहाल वाराणसी से चुनार तक सफर पर भी जाएगा. इससे इन दोनों जगहों के बीच में पड़ने वाले टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी पॉपुलर होंगे. उन्होंने बताया कि बह्विश्य में इसे वाराणसी और कैथी के बीच में भी चलाया जाएगा ताकि श्रद्धालु प्राचीन मार्कंडेय महादेव के भी दर्शन कर सकें.
इस क्रूज के साथ चल रहे वैज्ञानिक और फोटोग्राफर प्रियोनील बासु ने बताया कि इस क्रूज में सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं. खासतौर से इसके सेफ्टी फीचर पर बहुत ध्यान रखा गया है. इसका इंजन 450 हॉर्स पॉवर का है. इसके साथ ही एक सर्विस बोट भी है. यह सर्विस बोट इमरजेंसी की सिचुएशन में लाइफ बोट का काम करेगी. इसके अलावा इस लक्ज़री क्रूज में पर्य्पात संख्या में लाइफजैकेट्स और लाइफगार्ड्स मौजूद रहेंगे.
विकास का कहना है कि इस क्रूज के वाराणसी पहुंचने के बाद यहां के टूरिज्म की तस्वीर बदल जाएगी. एक तरफ भारतीय श्रद्धालु मॉडर्न सेटअप में गंगा की लहरों पर ही भगवान शंकर का अभिषेक कर सकेंगे. दूसरी तरफ यहां आने वाले विदेशी टूरिस्ट्स को वेस्टर्न कल्चर के हिसाब से क्रूज में गंगा के घाटों का दर्शन करने का मौका मिलेगा.
विकास ने कहा कि इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरनमेंट से परमिशन लेने का प्रोसेस लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द यह परमिशन मिल जाएगी ताकि काशीवासियों के साथ-साथ बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स भी इसका आनंद उठा सकें.
विकास मालवीय ने बताया कि इस क्रूज को शुरुआत में अस्सी घाट से राजघाट तक चलाने की योजना है. क्रूज अस्सी घाट से टूरिस्ट्स को लेकर राजघाट तक जाएगा और फिर वहां से वापस आएगा. इस दौरान टूरिस्ट्स को घाटों के दर्शन के अलावा जगह-जगह होने वाली विश्व-प्रसिद्ध गंगा आरती भी देखने को मिलेगी.
इसके अलावा इसमें बायो-टॉयलेट की सुविधा है ताकि किसी भी तरह से कोई गंदगी गंगा के पानी में न मिलने पाए. इस हॉल के साथ ही पैंट्री की भी व्यवस्था रहेगी ताकि टूरिस्ट्स को ब्रेकफास्ट, स्नैक्स और लंच परोसा जा सके. इस क्रूज के विंडो काफी बड़े बनाए गए हैं ताकि अंदर बैठा व्यक्ति बाहर के नज़ारे का पूरा लुत्फ़ उठा सके.
प्रियोनील ने बताया कि इसका नीचे का डेक पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड है. इसमें सेमीनार और पार्टी आर्गनाइज की जा सकेगी. यह एक बड़े हॉल नुमा है जिसमें इवेंट के मुताबिक़ बैठने की भी व्यवस्था की जा सकती है. इसकी दीवार पर ऑडियो-विजुअल सिस्टम चलाने की भी व्यवस्था रहेगी. इसका इस्तेमाल कॉर्पोरेट इवेंट्स के लिए किया जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि इसका इंजन एनवायरनमेंटल नॉर्म्स के हिसाब से ही एमिशन करेगा, साथ ही यह पूरी तरह से साउंड प्रूफ है. उन्होंने बताया कि इस क्रूज में 2000 स्क्वायर फीट की जगह है. जिसे सेमीनार और पार्टी हाल की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा. वाराणसी की धार्मिक आस्था के चलते इस क्रूज पर कोई भी ऐसा खान-पान इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा जो इसके अनुरूप न हो.
वाराणसी के हॉटेस्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन चुका है. इसी को ध्यान रखते हुए गंगा की लहरों पर बनारस का 'रस' लेने का तरीका भी बदलना चाहिए. इसी सोच के साथ विकास मालवीय और उनकी टीम ने 'अलकनंदा काशी' नाम के इस क्रूज को तैयार किया है.
यह क्रूज कोलकता में तैयार किया गया और 7 मई को वहां से वाराणसी के लिए रवाना हुआ है. इसके 20 मई के आसपास वाराणसी पहुंचने की संभावना है. इसको तैयार करने वाले वाराणसी के ही निवासी विकास मालवीय हैं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी का सांसद बनने के बाद से शहर में बहुत से पॉजिटिव बदलाव आए हैं.
वाराणसी: जल्द ही बाबा विश्वनाथ की नगरी में धर्म और मॉडर्निजम का अनूठा मेल दिखने वाला है. काशी में आने वाले श्रद्धालु और यहां के रहने वाले जल्द ही गोवा जैसे क्रूज का आनंद उठा सकेंगे. ख़ास बात यह है कि इस क्रूज पर गंगा की लहरों पर ही भोलेनाथ का अभिषेक कर सकेंगे. इसके अलावा यह क्रूज टूरिस्ट्स को गंगा की लहरों पर बनारस के घाट और आसपास के टूरिस्ट स्पॉट के दर्शन भी कराएगा.