कानपुर: सपा-बसपा संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन में विवाद, सपाइयों ने कुर्सियों पर जमाया कब्ज़ा तो बसपा पदाधिकारी हुए नाराज
सपा-बसपा संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन में कुर्सियों पर बैठने को लेकर बसपा पदाधिकारी और सपाइयों के बीच जमकर बहस हुई. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कानपुर मंडल के पदाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि सपा-बसपा कार्यकर्ताओं के बीच आपसी तालमेल बैठाने और जान पहचान के लिए संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जाए. मायावती के निर्देश पर बीते सोमवार को बसपा ने संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया था.
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View In Appसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं से कह चुके हैं कि बसपा का अपमान मेरा अपमान होगा. दोनों दलों के कार्यकर्ताओं को एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटना है. लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो दोनों दलों के कार्यकर्ता आपस में सामंजस नहीं बैठा पा रहे हैं.
काफी देर तक बसपा के पदाधिकारी खड़े रहे लेकिन सपा के नेताओं ने उन्हें मंच पर बैठने का स्थान नहीं दिया. इसी बात को लेकर दोनों दलों में बहस शुरू हो गई, जब कुछ बुजुर्ग नेताओं ने दोनों दलों के पदाधिकारियों को समझाया तब मामला शांत हुआ. इसके बाद सपा ने मंच से तीन कुर्सियों पर ही बसपा नेताओं को बैठने का स्थान दिया.
बसपा ने एक एक गेस्ट हॉउस में सपा-बसपा संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया था. सपा नगर अध्यक्ष और सपा नेता अपने समर्थकों के साथ पहले पहुंच गए और मंच पर पड़ी कुर्सियों पर कब्ज़ा जमा लिया. कुछ देर बाद जब बसपा जिलाध्यक्ष रामशंकर समेत बसपा नेता कार्यकर्ता पंहुचे तो उन्हें मंच पर एक भी कुर्सी बैठने को नहीं मिली.
सपा-बसपा सुप्रीमो लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर बीजेपी का उत्तर प्रदेश से सफाया करने के दम भर रहे हैं. अगर इस गठबंधन की जमीनी हकीकत देखी जाए तो सपा-बसपा कार्यकर्ताओं की आपस में नहीं बन रही है. दोनों दलों के कार्यकर्ताओं का मनमुटाव एक बार फिर सामने आ गया. बल्कि सपा-बसपा कार्यकर्ताओं के बीच बहस भी हुई. अपने इन्ही जमीनी कार्यकर्ताओं के बल पर अखिलेश यादव और मायावती जीत का ख्वाब देख रहे हैं.
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