आम महोत्सव में हुस्नआरा, नाजुक बदन, एश्वर्या, अंगूरी और गुलाब जामुन आमों के चर्चे
इस मौक़े पर योगी ने किसानों से कहा,आप डेयरी और बाग़वानी पर भी ध्यान दें. इस बार यहाँ गन्ने की खेती बहुत हो गई. आलू की खेती अधिक हो गई तो भाव गिर गए. योगी ने किसानों को हर तरह की मदद का भरोसा दिया. इस बार लगातार आंधी तूफ़ान से यूपी के कई इलाक़ों में आम की फ़सल बरबाद हो गई.
केसर आम का रंग कुछ कुछ केसर से ही मिलता है. मुंबई के दो आम अलफांसो और बॉम्बे ग्रीन को भी लोग ख़ूब पसंद कर रहे हैं. एक दो नहीं 703 क़िस्म के आम इस महोत्सव में लगाए गए हैं. ये प्रदर्शनी 24 जून तक चलेगी. महोत्सव में आम से बने अचार, जूस, अमावट और स्क़वैश भी लोग देख और ख़रीद सकते हैं.
ऐश्वर्या आम फ़िल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय के नाम पर रखा गया है. गुलाब जामुन मिठाई तो आपने न जाने कितनी बार खायी होगी लेकिन लखनऊ के आम महोत्सव में इसी नाम के आम भी आप चख सकते हैं.
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में चल रहे आम महोत्सव का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया. देश में सबसे अधिक आम का उत्पादन यूपी में होता है लेकिन निर्यात में अब भी पीछे है.
नाज़ुक बदन और तोता परी भी आम की क़िस्में हैं. जैसा नाम, ठीक वैसी ही शक्ल सूरत. तोता परी आम का एक हिस्सा बिलकुल तोते की चोंच जैसी है. नाज़ुक बदन आम का डील डौल नाम के जैसा ही है. सबसे छोटे आम का नाम अंगूरी है. नींबू जैसे साइज़ के.
लेकिन चर्चा तो ‘हुस्न आरा’ आम की हो रही है. देखने में बिलकुल सेब जैसा, लमार्टीनियर स्कूल की पंखुड़ी तो तरह-तरह के आम देख बहुत ख़ुश हो रही थीं. उन्होंने कहा,“आम भी इतना सुंदर हो सकता है, हमने नहीं सोचा था. लेकिन हुस्न आरा तो कमाल की लग रही है.”
लखनऊ के मलीहाबाद का दशहरी आम तो दुनिया भर में मशहूर है. इसकी मिठास के चाहने वाले करोड़ों में हैं. बिहार से लेकर यूपी तक लंगड़ा आम का जलवा है स्वाद के मामले में. कुछ लोग इसे मालदह और मलदहिया भी कहते हैं.
लखनऊ में आज से आम महोत्सव शुरू हो गया. क़िस्म क़िस्म के आम प्रदर्शनी में रखे गए हैं. हर आम अपने आप में बेहद ख़ास. रंग भी अलग, स्वाद भी अलग. कुछ मीठे तो कुछ खट्टे भी. दशहरी, लंगड़ा, सफ़ेदा, चौसा, बैंगनपल्ली, सिंदूरी. इनको तो सब जानते हैं, पहचानते हैं.