तस्वीरें: विजयदशमी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया विशेष अनुष्ठान और पूजन
शस्त्र पूजा के बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी. शाम 4 बजे योगी की भव्य विजय शोभा-यात्रा के रूप में पुराना गोरखपुर स्थित मानसरोवर मन्दिर के लिए प्रस्थान करेंगी. वहां पर भगवान शंकर सहित सभी देव-विग्रहों का पूजन, आरती के उपरान्त सवारी श्रीरामलीला मैदान पहुंचेगी. यहां योगी भगवान श्रीराम का राजतिलक करेंगे. इसके बाद शोभा-यात्रा गोरखनाथ मन्दिर में वापस आयेगी.
आज गुरु गोरखनाथ की पूजा-अर्चना के बाद योगी आदित्यनाथ ने परिसर में बने सभी मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की. नौ दिन तक जो कलश स्थापित किया जाता है, आज उसका वे विसर्जन भी करेंगे. यहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से अपने कक्ष में जाएंगे और दोपहर 1:00 बजे से उनका तिलक पूजन का कार्यक्रम होगा. जो अपराह्न 3 बजे तक चलेगा.
माना जाता है कि जो गोरक्षपीठ का महंत होता है वह विजयदशमी के दिन एक राजा की भूमिका में होता है और योगी आदित्यनाथ उसी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं. जिससे राजा के साथ सेना होती है, उसी तरह से आज गोरक्षपीठ में भी कई सब लोग हाथों में तलवार भाला और फरसा लेकर अपने राजा योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में खड़े हैं.
विजयदशमी के दिन आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक अलग ही भूमिका में नजर आ रहे हैं. योगी आदित्यनाथ आज एक मुख्यमंत्री नहीं बल्कि गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर की भूमिका में हैं. एक विशेष तरह का वेश धारण किए हुए योगी आदित्यनाथ आज गोरक्षपीठ के गुरु गोरखनाथ मंदिर में विशेष पूजा कर रहे हैं.
महंत होने के नाते उनके दायित्व भी बड़े हैं. आज वे पीठ के महंत होने के नाते विशेष वेश-भूषा में अनुष्ठान और पूजन-अर्चन करते हैं. सुबह 9 बजे से ये आयोजन शुरू हुआ. योगी आदित्यनाथ आगे-आगे और उनकी सेना पीछे-पीछे भाला और अन्य अस्त्र-शस्त्रों के साथ चलती रही. पटाखे और गाजे-बाजे के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर ने पहले मुख्य मंदिर और उसके बाद अन्य मंदिरों में अनुष्ठान और पूजन किया.
भक्ति गीत और संगीत के बीच बैंड की धुन से लोगों के बीच भक्ति और उत्साह संचारित होता रहा. गोरक्षपीठ के महंत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज विशेष वेशभूषा में नजर आए. इस दिन गोरक्षपीठ में विशेष आयोजन दिनभर चलता है. योगी आदित्यनाथ नाथ सम्प्रदाय के संत और गोरक्षपीठ के महंत हैं.
विजयदशमी और दशहरे के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष अनुष्ठान और पूजन किया. इस दिन उन्होंने पहले मुख्य मंदिर और उसके बाद परिसर में स्थित अन्य मंदिरों में विशेष पूजन किया. इस भव्य आयोजन को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.