Wife Alimony Rights: पति-पत्नी के बीच आपसी झगड़े तो आम हैं, लेकिन जब ये कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच जाते हैं तो हालात बदल जाते हैं. कोर्ट में पत्नी तलाक के साथ-साथ अपने लिए गुजारा भत्ता और बाकी तमाम चीजों की मांग करती है. ऐसे में पति को कानून के हिसाब से पत्नी को ये सब देना होता है, कोर्ट के आदेश के मुताबिक तमाम चीजें करनी होती हैं. लेकिन कुछ मामलों में पत्नी अपने पति से गुजारे भत्ते की मांग नहीं कर सकती है. आज इसी के बारे में हम आपको बता रहे हैं. 


पति को देना होता है गुजारा भत्ता
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से एक बड़ा फैसला सुनाया गया, जिसमें हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि अगर पति कोई नौकरी नहीं करता है, उसके बावजूद उसे पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा. इसके लिए वो मजदूरी जैसे कुछ काम कर सकता है. जब पत्नी को पति तलाक देता है या पत्नी पति से तलाक लेती है तो दोनों ही सूरत में पति को गुजारा भत्ता देना पड़ता है. अगर पति की मौत हो जाती है तो पत्नी अपने ससुर से गुजारा भत्ता मांग सकती है. 


इन हालात में पत्नी नहीं मांग सकती भत्ता
अब बात करते हैं कि किन परिस्थितियों में पत्नी अपने पति से गुजारे भत्ते की मांग नहीं कर सकती है. अगर पत्नी कामकाजी है और शादी से पहले भी नौकरी करती थी तो ऐसे में उसे गुजारा भत्ता नहीं मिल सकता है. यानी कमाऊ पत्नी गुजारे भत्ते के लिए मांग नहीं कर सकती है. हालांकि अगर बच्चे हैं तो उनके लिए ऐसी डिमांड की जा सकती है. अगर पति-पत्नी आपसी सहमति से अलग हो रहे हैं तो ऐसे मामले में भी गुजारा भत्ता नहीं दिया जाता. वहीं अगर पत्नी का किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध साबित होता है या फिर दूसरी शादी कर लेती है तो ऐसे में वो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती है.


अगर पत्नी नौकरीपेशा है और अच्छा पैसा कमा रही है, वहीं पति आर्थिक रूप से कमजोर है और नौकरी नहीं करता है तो ऐसे में पति अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता मांग सकता है. पति अगर मानसिक रूप से कमजोर है या फिर किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है तो ऐसे में वो अपनी कमाऊ पत्नी से गुजारे भत्ते की मांग कर सकता है. 


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