भारत सरकार नागरिकों के हितों के लिए कई सारी योजनाएं चला रही है. जिनमें मुख्य तौर पर गरीबों और जरूरतमंदों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई जाती हैं. स्वास्थ्य सभी के जीवन का बड़ा अहम हिस्सा होता है. इसीलिए सरकार की बहुत सी योजनाएं स्वास्थ्य को लेकर होती है. इसी सिलसिले में केंद्र सरकार ने साल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. जिसके चलते काफी जरूरतमंदों और गरीब लोगों को सहायता मिली थी. आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाया जाता है. जिससे कोई भी कार्य धारक 5 लख रुपए तक का इलाज किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में करवा सकता है. लेकिन आयुष्मान भारत योजना के तहत कुछ बीमारियां का इलाज नहीं हो सकता. सरकार ने उनकी लिस्ट भी जारी की थी. आइए जानते हैं कौन सी बीमारियां हैं. जिनका इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत नहीं हो सकता. 


ये बीमारियों हुईं लिस्ट से बाहर


भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना के तहत 1760 तरह की बीमारियों का इलाज होता है. लेकिन अब सरकार ने नया फैसला जारी करते हुए इसमें से 196 बीमारियों को निजी अस्पतालों में होने वाले इलाज की सूची से हटा लिया है. इन बीमारियों में अगर बात की जाए तो मलेरिया, मोतियाबिंद ,सर्जिकल डिलीवरी, नसबंदी और गैंग्रीन जैसी 196 बीमारियां शामिल है. सरकार के इस कदम से आम जनता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा. लोग सरकारी अस्पतालों की बजाय प्राइवेट अस्पतालों में इन बीमारियों का इलाज करवाने के लिए जाते थे. क्योंकि वहां बेहतर सुविधाएं उपलब्ध थीं अब लेकिन सरकार के इस फैसले ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है.


सरकारी अस्पतालों में इलाज जारी रहेगा


भले ही सरकार ने निजी अस्पतालों से इन बीमारियों को हटा दिया है. लेकिन बता दें कि सरकारी अस्पतालों में अभी भी इन बीमारियों का इलाज जारी है. और कोई भी आयुष्मान कार्ड धारक सरकारी अस्पताल में जाकर इन बीमारियों का इलाज करवा सकता है.


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