अक्सर सबकी लाइफ में एक समय ऐसा आता है जब यह सोचने की जरूरत पड़ती है कि हमारे पास जो भी संपत्ति जैसे मकान, जमीन, पैसे, गहने है, वो किसे और कैसे मिलेगी. अगर आपने पहले से ही इस बारे में कुछ तय कर लिया है, तो उसे लिखित रूप में दर्ज करना जरूरी होता है. यही लिखित डॉक्यूमेंट वसीयत यानी Will कहलाता है. वसीयत एक ऐसा कानूनी डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें एक व्यक्ति यह तय करता है कि उसकी मौत के बाद उसकी संपत्ति किसे और कैसे मिलेगी. यह डॉक्यूमेंट बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि इससे मौत के बाद परिवार में होने वाले झगड़ों, संपत्ति विवादों और कानूनी परेशानियों से बचा जा सकता है. ऐसे में चलिए आज जानते हैं कि वसीयत क्या है, कैसे बनाई जाती है और इसका रजिस्ट्रेशन कराने का पूरा प्रोसेस क्या होता है.
वसीयत क्या होती है?
वसीयत यानी Will एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जिसमें कोई व्यक्ति यह लिखता है कि उसकी मौत के बाद उसकी संपत्ति किसे मिलेगी. जैसे अगर आपके पास एक घर, बैंक अकाउंट और कुछ जमीन है और आप चाहते हैं कि आपकी मौत के बाद यह संपत्ति आपके बेटे या बेटी को मिले, तो आप यह सब बातें वसीयत में लिख सकते हैं. इसे बनवाने वाला व्यक्ति वसीयतकर्ता यानी Testator कहा जाता है और जिसे संपत्ति दी जाती है उसे लाभार्थी यानी Beneficiary कहते हैं.
वसीयत कैसे बनाई जाती है?
वसीयत बनाने के लिए सबसे पहले वसीयत का ड्राफ्ट बनाना होता है. वसीयत नॉर्मल पेपर पर भी बनाई जा सकती है. इसे हाथ से लिखा या टाइप किया जा सकता है. इसमें वसीयतकर्ता का नाम, उम्र, पता और यह लिखा जाता है कि वे मेंटली हेल्दी हैं और अपनी मर्जी से वसीयत बना रहे हैं. वहीं इसके बाद इसमें संपत्ति और लाभार्थियों के बारे में लिखा जाता है, जैसे कौन-कौन सी संपत्ति है, उसकी पूरी जानकारी लिखें, किन लोगों को आप क्या-क्या देना चाहते हैं, वह साफ-साफ बताएं और संपत्ति को बराबर या अपने अनुसार बांट सकते हैं. इसके अलावा वसीयत में गवाहों यानी विटनेस के साइन जरूरी होते हैं. इसके लिए दो गवाह जरूरी हैं. वसीयतकर्ता के सामने ही गवाहों को डॉक्यूमेंट पर साइन करना होता है. अब तैयार वसीयत की कॉपी घर पर, बैंक लॉकर में या किसी वकील के पास रख सकते हैं और चाहें तो इसकी एक स्कैन कॉपी भी बना सकते हैं. वसीयत रजिस्ट्रेशन कराने का पूरा प्रोसेस क्या होता है?
1. सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाएं - अपने नजदीकी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय (Sub-Registrar Office) में जाएं जहां वसीयतकर्ता की संपत्ति स्थित है. 2. . सभी जरूरी डॉक्यूमेंट साथ लेकर जाएं - वसीयत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे वसीयत की ओरिजिनल कॉपी, वसीयतकर्ता का पहचान पत्र और दोनों गवाहों के पहचान पत्र. वसीयतकर्ता और दोनों गवाहों को रजिस्ट्रार के सामने वसीयत पर साइन करना होता है.
3. रजिस्ट्रेशन फीस जमा करें - राज्य के अनुसार रजिस्ट्रेशन फीस अलग-अलग हो सकती है. आमतौर पर यह₹200 से 1000 तक हो सकती है.
4. वसीयत का रजिस्ट्रेशन - सारे डॉक्यूमेंट और प्रोसेस पूरा होने के बाद आपकी वसीयत ऑफिशियली रजिस्टर्ड हो जाएगी. यह भी पढ़ें पुलिस नहीं दर्ज कर रही FIR तो थाने जाने से पहले इस नंबर पर कर दें कॉल, जान लें काम की बात