Employee Rights: बहुत से लोग भारत में प्राइवेट नौकरियां करते हैं . लोगों को  जाॅब के दौरानअलग-अलग तरह की परेशानियों को सामना भी करना पड़ता है. कई बार देखा गया है कि एम्पलाई खुद ही कंपनी से इस्तीफा दे देता है.  तो वहीं अक्सर कंपनी अपनी कंपनी में काम कर रहे हैं कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देती. 


इसके लिए अक्सर एक से ज्यादा कई वजह मौजूद होती है. कभी कॉस्ट कटिंग को लेकर तो कभी एम्पलाई की परफॉर्मेंस या फिर उसके बिहेवियर को लेकर कंपनियों से बाहर का रास्ता दिखा सकती है. कंपनी अगर अपने किसी कर्मचारी को नौकरी से निकाल देती है. तो ऐसे में कर्मचारी  क्या कर सकते हैं. चलिए जानते हैं 


कंपनी के खिलाफ कर सकते हैं  केस 


भारत में कर्मचारियों को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं. अगर कोई कंपनी आपको से निकाल देती है. तो ऐसे में यह देखा जाता है कि  कंपनी द्वारा  आपको किस प्रकार से नियुक्त किया गया था. यदि नियुक्ति कांट्रैक्ट बेसिस पर हुई थी तो उसमें कांटेक्ट कैंसिल करने के क्लोज भी शामिल होते हैं. 


अगर आपको लगता है कि कंपनी है गलत तरीके से आपको निकला है. तो फिर आप कंपनी की शिकायत कर सकते हैं. अगर इसके अलावा आप कंपनी के फुल टाइम एम्पलाई थे. और 1 साल से ज्यादा समय से नौकरी कर रहे थे तो फिर कंपनी को आपको सेवरेंस पेमेंट देना पड़ेगा.  


क्या है पूरी प्रक्रिया?


अगर आपको कंपनी ने बिना कारण बताए निकाला है. तो आप कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट को एक लेटर या मेल लिख सकते हैं. जिसमें आप उनसे टर्मिनेशन के बारे में जानकारी ले सकते हैं. अगर आप उनके जवाब से सहमत नहीं होते तो फिर आप कंपनी के खिलाफ केस कर सकते हैं.


आप इसके लिए कंपनी को लीगल नोटिस भेज सकते हैं. जिसके लिए आपको किसी वकील की आवश्यकता पड़ेगी.  लीगल नोटिस के जवाब भी अगर आप आपको सही नहीं लगता. तो आप लेबर कमिश्नर के पास जा सकते हैं. वहां भी आपका  मामला नहीं  सुलझता. तो फिर आप इंडस्ट्रियल कोर्ट या फिर दीवानी कोर्ट भी जा सकते हैं.  


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