अगर आप भी फॉरेन ट्रिप के लिए यूएई जाने की सोच रहे हैं तो ये मौका सबसे अच्छा है. दरअसल, यूएई के वीजा ऑन अराइवल ऑप्शन ने लोगों की यात्रा को और भी फास्ट बना दिया है. अब दुबई और आबू धाबी घूमने का तरीका आसान हो गया है क्योंकि वीजा ऑन अराइवल की मदद से आप अपनी अचानक बनी ट्रिप भी पूरी कर सकते हैं. यह सुविधा भारत के लोगों के लिए भी उपलब्ध है. हालांकि, ध्यान रहे कि यह ऑप्शन हर किसी के लिए अवेलेबल नहीं है. इसके लिए आपको कुछ क्राइटेरिया फुलफिल करने होंगे. ऐसे में आइए जानते हैं कि वीजा ऑन अराइवल के नियम में कौन से बदलाव हुए हैं.

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वीजा ऑन अराइवल में क्या है खास ?

फरवरी 2025 में यूएई ने वीजा ऑन अराइवल के प्रोग्राम को 6 नए देशों के लिए भी खोल दिया. इन देशों में सिंगापुर, जापान, साउथ कोरिया, न्यू जीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा शामिल हैं. इससे पहले यूएई यह सुविधा सिर्फ उन इंडियन्स को देता था, जिनके पास यूएस, यूके या यूरोपियन यूनियन के किसी देश का वीजा या रेजिडेंस परमिट होता था. लेकिन अब ये नया बदलाव देखने को मिला है. इसके जरिए अब अब्रॉड में रहने वाले कई और भारतीय स्टूडेंट्स ओर प्रोफेशनल्स आसानी से बिना किसी डीले या पेपरवर्क के झंझट के यूएई जा पाएंगे.

इंडियन पासपोर्ट होल्डर्स के लिए जरूरी बातें 

वीजा ऑन अराइवल की सुविधा पाने के लिए इंडियन ट्रैवलर्स के पास नीचे दी गई किसी भी एक कंट्री से अप्रूव्ड वैलिड वीजा या रेजिडेंस परमिट होना जरूरी है. साथ ही, अराइवल की डेट से इसकी वैलेडिटी कम से कम 6 महीने की होनी चाहिए. 1. यूएस + यूएस ग्रीन कार्ड होल्डर्स 2. यूके वैलिड वीजा या ई-वीजा 3. ईयू मेंबर स्टेट 4. ऑस्ट्रेलिया5. कनाडा6. जापान7. न्यू जीलैंड8. सिंगापुर9. साउथ कोरिया 

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कितनी है वैलेडिटी ?

इस वीजा ऑन अराइवल की वैलिडिटी एंट्री डेट से शुरू होकर 14 दिन तक रहेगी. हालांकि, अगले 14 दिनों के एक्सटेंशन के लिए आपको एक्सटेंशन कॉस्ट के रूप में AED 250 यानी 5600 रूपये देने होंगे. यह एक्टेंशन फैसिलिटी सिर्फ एक बार ही मिलेगी, लेकिन अगर कोई ओवरस्टे करना चाहता है तो उसे पर डे AED 200 चार्जेस देने होंगे. 

किन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत ?

दुबई या आबू धाबी एयरपोर्ट पहुंचकर आपको मरहबा वीजा ऑन अराइवल काउंटर पर जाकर अपने सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स दिखाने होंगे. इसमें इंडियन पासपोर्ट, किसी भी एलिजिबल कंट्री का वैलिड वीजा या रेजिडेंस परमिट, रिटर्न टिकट, एकोमोडेशन प्रूफ, फंड प्रूफ समेत ट्रैवल इंश्योरेंस जैसे डॉक्युमेंट्स शामिल हैं.

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