भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और टिकट बुकिंग प्रक्रिया को और ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाने के लिए एक नया कदम उठाया है. अब रेलवे आरक्षण काउंटर से तत्काल टिकट बुक करते समय यात्रियों को अपने मोबाइल फोन पर भेजे गए वन-टाइम पासवर्ड (OTP) के माध्यम से अपनी पहचान साबित करनी होगी. यह नया नियम खासकर उन यात्रियों के लिए है जो अंतिम समय में यात्रा के लिए टिकट बुक करना चाहते हैं. 

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रेल मंत्रालय का कहना है कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली के गलत यूज को रोकना और यह साबित करना है कि सच में यात्रियों को हाई डिमांड वाले टिकट आसानी से मिल सकें. लंबे समय से यह देखा गया है कि बुकिंग एजेंट और कुछ लोग सिस्टम का गलत फायदा उठाकर ज्यादा टिकट बुक कर लेते थे, जिससे सामान्य यात्री पिछड़ जाते थे. इस नई व्यवस्था से ऐसी समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकेगा.  क्या है आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट बुकिंग में बदलाव 

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रेल मंत्रालय ने 17 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ चुनिंदा ट्रेनों में ओटीपी आधारित तत्काल टिकट प्रणाली शुरू की थी. शुरुआत में इसे सीमित ट्रेनों में लागू किया गया, लेकिन अब इसे 52 ट्रेनों तक बढ़ा दिया गया है, और अगले कुछ दिनों में यह सभी ट्रेनों के आरक्षण काउंटरों पर लागू कर दिया जाएगा. इस नई प्रणाली के तहत, जब यात्री आरक्षण काउंटर पर तत्काल टिकट बुक करने के लिए जाता है, तो उसे आरक्षण फॉर्म में दिए गए मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त होता है. यह OTP सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही टिकट की पुष्टि होती है यानी बिना OTP के टिकट बुक नहीं हो पाएगा. 

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रेलवे यात्रियों के लिए बड़ा अपडेट

रेल मंत्रालय ने साफ किया है कि इस कदम का उद्देश्य सिर्फ सुरक्षा बढ़ाना नहीं है, बल्कि यात्री सुविधा और ट्रांसपेरेंसी साबित करना है. इससे वास्तविक यात्री आसानी से टिकट प्राप्त कर पाएंगे और सिस्टम का गलत यूज करने वाले बुकिंग एजेंटों को रोकने में मदद मिलेगी. हालांकि यह कदम नया नहीं है. मंत्रालय ने पहले भी कुछ कदम उठाए थे ताकि टिकट बुकिंग में निष्पक्षता बनी रहे. इस साल जुलाई में, ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग के लिए OTP आधारित आधार जानकारी साबित करना जरूरी कर दिया गया था. इसके अलावा, 1 अक्टूबर से आरक्षित सामान्य टिकट की बुकिंग के पहले 15 मिनट सिर्फ आधार-प्रमाणित यात्रियों के लिए आरक्षित कर दी गई थी. इन सभी प्रयासों का उद्देश्य यह सही करना है कि टिकट प्रणाली का गलत यूज न हो और वास्तविक यात्री आसानी से अपनी यात्रा की योजना बना सकें. 

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