Ration Card Holders: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने फर्जी तरीके से फ्री का राशन लेने वालो पर शिकंजा कसा है. सरकार ने बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को पकड़ा है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्री राशन सुविधा का लाभ उठा रहे थे. अब सरकार ऐसे लोगों के कार्ड निरस्त करने जा ही है.
बता दें, उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में 3.62 करोड़ राशन कार्ड बने हुए हैं, जिनसे 14.68 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं. ऐसे में योगी सरकार करीब 16 लाख 67 हजार राशन कार्ड निरस्त करने जा रही है. इन लोगों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि कहीं आपका नाम भी तो इस लिस्ट में शामिल नहीं है.
कैसे की गई मुफ्तखोरों की पहचान ?
सरकार ने बीते दिनों राशन कार्ड में चल रही गड़बड़ी को पकड़ने के लिए राशन कार्ड का डाटा कई अन्य विभागों जैसे आयकर विभाग, परिवहन विभाग, जीएसटी, पीएम किसान सम्मान निधि के डाटा से क्रॉस चेक किया. इस प्रोसेस के दौरान पता चला कि जिन लोगों के नाम पर राशन कार्ड जारी किए गए हैं, उनमें से 9,96,643 नाम ऐसे हैं, जो इनकम टैक्स भरते हैं. इससे सरकार की नजर उन लोगों तक गई जिन्होंने गलत तरीके से राशन कार्ड बनवाकर इस सुविधा का लाभ उठाने की कोशिश की.
कौन हैं ये मुफ्तखोर?
जब सरकार ने डाटा का मिलान किया तो इसमें 6500 से ज्यादा लोग ऐसे पाए गए जिनकी फर्म का सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये से अधिक था. इतना ही नहीं इनमें 4.74 लाख ऐसे लोग भी हैं जो हल्के मोटर वाहन कार के मालिक हैं. साथ ही 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले 1,89,701 किसान भी इस लिस्ट में शामिल हैं. अब सरकार ने इन मुफ्तखोरों पर शिकंजा कस लिया है और जल्द ही ऐसे फ्रॉड लोगों के नाम राशन कार्ड की लिस्ट से कटने वाले हैं.
कौन है राशन के असली हकदार
भारत सरकार के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के मुताबिक, अंत्योदय राशन कार्ड की सुविधा उन परिवारों को दी जाती है, जो गरीबी रेखा के नीचे होते हैं. इसके अलावा गृहस्थी राशन कार्ड बनाने के लिए शहरी इलाकों में सालाना 3 लाख रुपये से कम इनकम और ग्रामीण इलाकों में दो लाख रुपये सालाना से कम इनकम वाले लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
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