Crypto Currency: देश में ज्यादातर लोग अब भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कंफ्यूज हैं. कोई इसे फ्यूचर का पैसा मानता है, तो कोई इसे जुआ समझता है. इसी बीच मोदी सरकार के एक केंद्रीय मंत्री ने लगातार दूसरी बार क्रिप्टो में बड़े निवेश का खुलासा करके सबको चौंका दिया है. राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और मोदी कैबिनेट में मंत्री जयंत चौधरी ने अपनी वार्षिक संपत्ति की जानकारी में बताया है कि उन्होंने और उनकी पत्नी चारु सिंह ने मिलकर 43 लाख रुपये से ज्यादा की रकम क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की है.

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इस खुलासे के बाद कई लोगों के मन में सवाल खड़े हो गए हैं. जैसे कि क्या क्रिप्टो में निवेश फायदे का सौदा है और क्या अब भारत में क्रिप्टो को लेकर नजरिया बदल रहा है? तो चलिए जानते हैं कि मोदी सरकार के मंत्री जयंत चौधरी ने जिसमें ढेर सारा पैसा लगा रखा है क्या इसमें निवेश करना फायदे का सौदा है.  मोदी सरकार के इस मंत्री ने क्रिप्टो में लगा रखा है ढेर सारा पैसा

हर साल प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर मोदी सरकार के मंत्रियों की संपत्ति का ब्योरा प्रकाशित किया जाता है. इसी के चलते जयंत चौधरी और उनकी पत्नी ने अपनी संपत्ति की जानकारी पब्लिक की है. इस जानकारी में सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में अपने निवेश का जिक्र किया. जयंत चौधरी ने 21.31 लाख रुपये का क्रिप्टो निवेश घोषित किया है. उनकी पत्नी चारु सिंह ने 22.41 लाख रुपये की क्रिप्टो होल्डिंग्स की जानकारी दी है. दोनों ने साफ किया है कि यह पैसा उनकी निजी बचत से लगाया गया है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब मंत्री जी ने क्रिप्टो में निवेश का खुलासा किया हो. पिछले साल भी उन्होंने और उनकी पत्नी ने निवेश की जानकारी दी थी, जो इस बार और भी बढ़ गई है 2024 में जयंत ने 17.9 लाख और चारु ने 19 लाख रुपये क्रिप्टो में लगाए थे. अब यह निवेश 19 प्रतिशत और 18 प्रतिशत तक बढ़ चुका है. 

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क्या क्रिप्टों निवेश करना फायदे का सौदा है?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत में बहुत से लोगों की राय बंटी हुई है. अब यह एक बड़ा ट्रेंड-सेटर मोमेंट बन गया है. ऐसे में क्रिप्टों निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है. जैसे क्रिप्टो में सही समय पर निवेश करने पर बहुत बड़ा रिटर्न मिल सकता है. वहीं डिजिटल एसेट्स के रूप में इसका फ्यूचर ब्राइट माना जा रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हर कोई क्रिप्टो में निवेश करें क्योंकि क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा होता है, साथ ही भारत में अभी तक इसके लिए कोई ठोस रेगुलेशन नहीं है. भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को अब तक पूरी तरह से विनियमित नहीं किया है. इसके अलावा इस पर टैक्स लगता है और हर ट्रांजैक्शन पर TDS भी कटता है. 

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