Rent Agreement: अक्सर लोगों को काम के सिलसिले में अपने शहर से बाहर रहना होता है. ऐसे में दूसरे शहर में घर खरीदना आसान काम नहीं होता. इसलिए लोग किराए पर रहते हैं. किराए पर मकान खोजना भी कोई आसान काम नहीं होता. कई  सोसाइटी, कई ब्रोकर और कई जगह जाकर ठीक-ठाक किराए का घर मिलता है. किराए का घर लेते समय किराएदार और मकान मालिक के बीच एक एग्रीमेंट बनता है. जिसे रेंट एग्रीमेंट कहते हैं. यह एक तरह का कानून दस्तावेज होता है मकान मालिक और किराएदार के बीच. अगर आप भी किराए पर कहीं घर ले रहे हैं. तो रेंट एग्रीमेंट बनवाते वक्त इन बातों का रखें खास ध्यान. 


पता करें कब बढ़ेगा किराया


आजकल लोग हर साल किराए पर दिए मकान का किराया बढ़ा देते हैं. सालाना मकान का किराया बढ़ना आम बात है. लेकिन कई मौकों पर  देखा गया है कि मकान मालिक मनमर्जी से किराया बढ़ाते हैं. इसलिए आप रेंट एग्रीमेंट में इस बात का भी जिक्र जरूर करवाएं कि कब किराया बढ़ाया जाएगा और कितना. इससे आपको यह भी फायदा होगा कि आपका मकान मालिक  अपनी मर्जी के अनुसार आपका किराया नहीं बढ़ा सकता. 


बिल के बारे में भी चेक करें


जब आप किसी घर में रेंट पर रहते हैं. तो उसमें आपको कई सारे बिल भी चुकाने पड़ते हैं. लेकिन जिन सुविधाओं को आप ले रहे हैं. उनका बिल चुकाने में कोई दिक्कत नहीं है. मगर घर में और सुविधाएं हैं और जो आपको नहीं मिल रही है उनका भी बिल चुकाना पड़ जाए. तो फिर दिक्कत की बात है. जैसे स्विमिंग पूल, जिम, क्लब. रेंट एग्रीमेंट में बहुत सारे टर्म्स एंड कंडीशन होते हैं. उनमें बिल के बारे में भी लिखा होता है. आप सुनिश्चित कर लें आप किन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं. उनका ही बिल आपको चुकाना है. जो रेंट एग्रीमेंट में दर्ज हैं. 


आप अपनी कंडीशन भी ऐड करवा सकते हैं


रेंट एग्रीमेंट में अगर आपको अलग से कोई चीज चाहिए तो आप उसे भी ऐड करवा सकते हैं. घरों में रिपेयर और मेंटेनेंस का काम भी होता है. तो ऐसे में उसका कितना हिस्सा  किराएदार द्वारा भुगतान किया जाएगा. यह बात भी रेंट एग्रीमेंट में मेंशन करवाना सही रहता है. ताकि आगे चलकर कोई समस्या खड़ी ना हो. 


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