घर में कपड़ों को प्रेस करना रोजमर्रा की जरूरत है.अच्छी ड्रेसिंग और साफ सुथरा कपड़े न सिर्फ आपकी पर्सनालिटी को निखारते बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाते हैं. लेकिन जब बात कपड़े प्रेस करने की आती है, तो सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि ड्राई आयरन या फिर स्टीम आयरन कौन सा सही रहेगा. ड्राई आयरन को सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि स्टीम आयरन नई टेक्नोलॉजी के साथ बाजार में आया है और लोगों के बीच तेजी से पॉपुलर हुआ है. वहीं दोनों की अपने फायदे और नुकसान होते हैं. लेकिन अगर हम इसे अगर सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो कपड़े जल भी सकते हैं या खराब भी हो सकते हैं. ऐसे में चलिए आज दोनों के बीच पर फर्क और किससे ज्यादा जल्दी कपड़े खराब होते हैं, यह जानते हैं. ड्राई आयरन आसान और हल्का ड्राई आयरन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है, क्योंकि यह हल्का, सिंपल और किफायती होता है. इसमें कोई पानी की टंकी नहीं होती और गर्म प्लेट से ही कपड़े की सिलवटे हटाई जाती है. ड्राई आयरन में जो नाजुक कपड़ों जैसे ऊन,सिल्क, पॉलिस्टर और रेयान के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि इनमें ज्यादा नमी की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि इसकी सबसे बड़ी कमी यही है कि अगर ज्यादा तापमान रखा जाए तो उससे कपड़े आसानी से जल सकते हैं. स्टीम प्रेस आधुनिक तकनीक वाली मशीन स्टीम प्रेस आजकल लोगों की पहली पसंद बन चुका है. इसमें पानी की टंकी और भाप निकालने की सुविधा होती है, जिसकी मदद से कॉटन, लिनन और डेनिम जैसे मोटे कपड़ों की सिलवटें भी मिनटों में गायब हो जाती है. यह पर्दों और सूट्स पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इसे वर्टिकल पोजीशन में भी चलाया जा सकता है. लेकिन इसका वजन ड्राई आयरन से ज्यादा होता है और अगर ठीक से साफ न किया जाए तो पानी लीक होने या मिनरल जमा होने की दिक्कत हो सकती है. किस कपड़े पर कौन सी आयरन सही स्टीम प्रेस को आमतौर पर कॉटन, लिनन, डेनिम, वेलवेट और जैसे कपड़े के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. वहीं ड्राई आयरन को ऊन, सिल्क, नायलॉन, लेस, रेयान और पॉलिएस्टर जैसे नाजुक कपड़ों के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है. इसका मतलब है कि अगर आपके पास ज्यादा भारी और मोटे कपड़े हैं तो उसके लिए स्टीम प्रेस बेहतर है, लेकिन नाजुक फैब्रिक के लिए ड्राई आयरन ही बेहतर ऑप्शन होता है.
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