भारत में ट्रेन के जरिए रोजाना बहुत से लोग सफर करते हैं. इन लोगों के लिए रेलवे की ओर से बहुत सारी ट्रेनें चलाई जाती है. कभी-कभी अचानक सफर की प्लानिंग में बदलाव आ जाता है. आपने ट्रेन का टिकट बुक कर लिया और अब बेटी भी साथ चलने की जिद करने लगी है. ऐसे हालात में ज्यादातर लोगों के दिमाग में यही सवाल आता है कि अब क्या किया जाए.

क्योंकि एक बार टिकट कन्फर्म हो जाने के बाद उसमें बदलाव या किसी और को जोड़ने की सुविधा सीमित होती है. फिर भी यात्रियों के पास कुछ ऑप्शन जरूर होते हैं. जिनकी मदद से वह बेटी को भी सफर में साथ ले जा सकते हैं. क्या हैं इसके लिए शर्तें और नियम चलिए आपको बताते हैं इस बारे में जानकारी. 

क्या टिकट कंफर्म होने के बाद ऐड हो सकता है पैसेंजर?

अगर आप कहीं घूमने जा रहे हो. अचानक से आपकी बेटी साथ जाने की जिद करने लगे. तो क्या आप उसे साथ में ले जा सकते हैं. तो आपको बता दें रेलवे रेलवे के नियमों के मुताबिक टिकट बुक होने के बाद आप उस टिकट में कोई बदलाव नहीं कर सकते. यानी आप उस टिकट में किसी पैसेंजर को ऐड नहीं कर सकते.

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और ना ही किसी पैसेंजर को निकाल सकते हैं. लेकिन आपको बेटी को साथ भी ले जाना है. तो फिर आप क्या करेंगे. रेलवे में इस तरह की स्थिति के लिए सीधे तौर पर तो कोई नियम नहीं है. लेकिन आप कुछ तरीके आजमा सकते हैं.

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इस तरह साथ ले जा सकते हैं 

अगर टिकट कंफर्म होने के बाद आपकी बेटी साथ जाने की जिद करती है. तो आप उसकी नॉर्मल यानी जनरल टिकट बुक करवा कर. और ट्रेन में चढ़ने के बाद टीटीई से मिलकर रिजर्वेशन कोच में उसकी सीट अपग्रेड करवाने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं. टीटीई कुछ तय चार्ज लेकर बेटी की टिकट अपडेट कर सकता है. और उसे आपके साथ रिजर्वेशन कोच में सफर करने की अनुमति दे सकता है. हालांकि यह तभी मुमकिन हो सकता है जब उस कोच में कोई सीट खाली हो. अक्सर देखा गया है ट्रेन डिपार्चर के बाद भी कुछ सीटें खाली रह जाती है. 

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