भाईयों ने बहन के नाम कर दी आधी प्रॉपर्टी, क्या उस पर होगा पति का हक?
भाईयों ने अगर अपनी बहन को प्रॉपर्टी देने का फैसला किया. ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या उस पर बहन के पति का भी हक होगा. जान लीजिए क्या कहते हैं प्रॉपर्टी को लेकर कानूनी नियम.

भारत में हर एक काम को लेकर कानून बनाया गया है. प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर भी कानून के तहत नियम तय किए गए हैं. अक्सर जब परिवार में प्रॉपर्टी का बंटवारा किया जाता है. तो कई बार कुछ इस तरह के फैसले भी होते हैं. जो लोगों को चौंकाने वाले लगते हैं. कई बार लोगों को लगता है कि क्या किसी के नाम पर प्रॉपर्टी की गई तो उससे जुड़े किसी और शख्स का भी उस प्रॉपर्टी पर अधिकार होता है.
जैसे भाईयों ने अपनी बहन के नाम पर प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर दी. तो क्या बहन के नाम हुई प्रॉपर्टी पर उसका कंट्रोल पूरी तरह उसी का होगा या फिर उसके पति का भी उसमें कोई रोल होगा. बहुत से लोगों को इस बारे में साफ जानकारी नहीं होती है. इस तरह के केस में कानून क्या कहता है. चलिए आपको बताते हैं.
क्या भाईयों की गिफ्ट प्राॅपर्टी में पति का हक?
अगर सब भाई अपनी बहन को प्रॉपर्टी गिफ्ट करते हैं. तो उसका मालिकाना हक पूरी तरह से बहन का होता है. कानून के हिसाब से गिफ्ट डीड के बाद प्रॉपर्टी उसी की मानी जाती है. जिसके नाम पर गिफ्ट की गई होती है. ऐसे में पति का उस पर कोई सीधा हक नहीं बनता. अगर बाद में बहन उस प्रॉपर्टी को बेचना या ट्रांसफर करना चाहे.
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तब भी उसे लीगल डॉक्यूमेंट्स में पति की सहमति की जरूरत नहीं होती. लेकिन अगर बहन की मृत्यू हो जाती है और उसने कोई वसीयत नहीं बनाई है, तो उस स्थिति में पति उस प्रॉपर्टी का लीगल वारिस होने के नाते अपनी हिस्सेदारी क्लेम कर सकता है.
क्या होती है गिफ्ट डीड?
गिफ्ट डीड एक लीगल पेपर होता है जिसके जरिए कोई इंसान अपनी प्रॉपर्टी, जमीन या घर बिना पैसे लिए किसी और को दे देता है. इसमें देने वाले को डोनर और पाने वाले को डोनी कहा जाता है. लेकिन यह डॉक्यूमेंट तभी लीगल माना जाता है.
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जब इसे स्टांप पेपर पर बनवाकर रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्टर्ड कराया जाए. ऐसा करने के बाद प्रॉपर्टी पर पूरा हक उसी का हो जाता है जिसके नाम यह गिफ्ट की गई है. कुल मिलाकर कहें तो गिफ्ट डीड सबूत है कि अब प्रॉपर्टी का असली मालिक वही है जिसे यह दी गई है.
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