MP Electricity Theft Complaint App: देश के कई राज्यों में आज भी बिजली चोरी की समस्याएं देखने को मिलती हैं बिजली विभाग बिजली चोरी को रोकने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाता है लेकिन पावजूद इसके लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं इसीलिए अब अब मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों ने बड़ा ही अलग तरीका निकाला है. जिससे बिजली चोरी को रोका जा सके.
इसके लिए ऐप बनाया गया है जिसका नाम है V-Mitra. इसकी खासियत यह है कि इसमें शिकायत करने वाला पूरी तरह गुमनाम रह सकता है. सही शिकायत पर इनाम मिलता है और पूरी प्रक्रिया मोबाइल पर ही पूरी हो जाती है. इस ऐप की वजह से कम समय में हजारों शिकायतें दर्ज हुईं और बड़ी रकम की रिकवरी भी हुई.
कैसे काम करता है V-Mitra ?
मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों द्वारा बनाई गई V-Mitra ऐप सिर्फ शिकायत दर्ज करवाने के लिए नहीं है. बल्कि बिजली विभाग का एक सोशल मॉनिटरिंग टूल है. कोई भी उपभोक्ता इसमें बिजली चोरी, गलत जियो-टैगिंग, लाइन लोड मिसमैच, ट्रांसफॉर्मर लिंकेज जैसी तकनीकी गड़बड़ियां रिपोर्ट कर सकता है.
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शिकायत भेजने का तरीका आसान है और सबूत के तौर पर फोटो या लोकेशन भी जोड़ सकते हैं. कंपनी शिकायत की जांच करती है और अगर जानकारी सही मिलती है. तो शिकायतकर्ता को इनाम दिया जाता है. ऐप की सबसे बड़ी ताकत यही है कि इसमें जनता सीधे सिस्टम को फीडबैक देती है.
कैसे मिलता है इनाम?
कंपनी ने इनाम तय करने के लिए एक साफ नियम तय किया है. जिस कनेक्शन या लाइन के बारे में जानकारी दी गई है. उसकी जांच की जाती है. अगर गलत टैगिंग, ज्यादा लोड या चोरी का मामला सही पाया गया. तो 10 रुपये से लेकर प्रति किलोवाट 25 रुपये तक की इनाम राशि दी जाती है. बड़े मामलों में यह राशि 50 हजार रुपये तक पहुंच सकती है. इस पूरी प्रोसेस में शिकायतकर्ता की पहचान सुरक्षित रहती है. इससे लोग बिना डर के मदद कर पा रहे हैं.
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अब तक हो चुकी इतनी रिकवरी
ऐप के नतीजे चौंकाने वाले हैं. लॉन्च के सौ दिनों में करीब 30 हजार शिकायतें दर्ज हुईं और 25 लाख रुपये से ज्यादा की रिकवरी हो गई. कई मामलों में लोगों को इनाम भी मिला. एक नागरिक को पूरे 50 हजार रुपये तक का पुरस्कार दिया गया. विभाग का कहना है कि इस भागीदारी ने चोरी पर सीधा असर डाला है और जमीनी स्तर की गड़बड़ियां पहले से कहीं तेजी से पकड़ में आ रही हैं. जिस तरह जनता इसमें खुद हिस्सा ले रही है.
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