Loan Mistakes To Be Avoid: आज कल लोग अपनी कमाई, बचत और जरूरतों के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश में रहते हैं. लेकिन कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं जब पैसों की जरूरत अचानक बढ़ जाती है. इसी वजह से लोग पर्सनल लोन, होम लोन या छोटे डिजिटल लोन लेने का फैसला करते हैं. लोन लेना गलत नहीं है.
लेकिन इसे लेते वक्त की गई छोटी सी चूक आगे चलकर काफी बड़ी दिक्कत बन सकती है. खासकर तब जब आप जल्दबाजी में बिना सोचे समझे किसी भी ऐप, ब्रोकर या अनचाहे ऑफर पर भरोसा कर लेते हैं. बेहतर फैसला लेने के लिए कुछ नियमों को हमेशा याद रखना जरूरी है. जिससे लोन आपके लिए राहत बने सिरदर्द नहीं.
थर्ड पार्टी ऐप से दूरी रहना समझदारी
लोन लेने में सबसे आम गलती होती है किसी भी अनजान ऐप पर भरोसा कर लेना. कई लोग कुछ ही मिनट में लोन मिलने की खुशी में ऐप की विश्वसनीयता चेक ही नहीं करते. यही ऐप बाद में आपका डेटा खींच लेते हैं. कांटैक्ट लिस्ट स्कैन कर लेते हैं और पेमेंट में ज़रा सी देरी होते ही आपको डराने जैसी हरकतें शुरू कर देते हैं. कई नकली ऐप तो पहले ही पैसे लेकर गायब हो जाते हैं. अगर कभी डिजिटल लोन लेना पड़े. तो सिर्फ मान्यता प्राप्त ऐप या सीधी बैंक की वेबसाइट का इस्तेमाल करें. कम ब्याज और जल्दी अप्रूवल के लालच में पड़कर गलती न करें.
ब्रोकर नहीं, सीधे बैंक पर भरोसा करें
कई लोग सोचते हैं कि बैंक से बात करने में बहुत समय लगेग. इसलिए वह ब्रोकर के चक्कर में पड़ जाते हैं. ब्रोकर आपको मीठी बातों में फंसाकर अपनी फीस ले लेता है और फिर या तो गलत जानकारी देता है या लोन दिलवाने में बहाना बनाता रहता है. कुछ मामलों में तो लोग पैसे दे देते हैं और लोन मिलता ही नहीं. इसलिए हमेशा सीधे बैंक या NBFC से ही बात करें. आज हर बैंक का कस्टमर केयर और ऑनलाइन पोर्टल बेहद आसान है. जहां बिना किसी बीच वाले के आपकी प्रोसेस पूरी हो सकती है.
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दस्तावेज साइन करने से पहले इसे पढ़ लें
लोन की कागजी प्रक्रिया थोड़ी लंबी लगती है. लेकिन यही हिस्सा आपको आगे आने वाली परेशानी से बचा सकता है. कई लोग बिना पढ़े दस्तावेज साइन कर देते हैं और बाद में उन्हें पता चलता है कि ब्याज दर ज्यादा है. प्रोसेसिंग फीस अलग से है या कुछ छिपे हुए चार्ज भी लागू हो रहे हैं. एक बार साइन हो गया मतलब शर्तें माननी ही होंगी. इसलिए हर दस्तावेज की हर लाइन और हर शर्त ध्यान से पढ़ें. अगर कुछ समझ न आए तो वहीं पूछें बाद के लिए मत छोड़ें.
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अपनी क्षमता के हिसाब से ही EMI तय करें
लोग अक्सर लोन का अमाउंट देखकर खुश हो जाते हैं. लेकिन EMI के बोझ का अंदाजा बाद में लगता है. EMI हमेशा ऐसी होनी चाहिए जो आपकी महीने की इनकम के हिसाब से हो. अगर EMI बड़ी होगी. तो बाकी खर्चों में दिक्कत होगी और पेमेंट चूकने पर आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान होगा. बेहतर है कि EMI कैलकुलेटर से पहले ही देखकर तय करें कि कौन सी किस्त आपके लिए आराम से चुकाई जा सकती है.
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